ग्वालियर, मध्यप्रदेश। एमपी में हुए नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े मामले में नर्सिंग कॉलेजों में चल रही सीबीआई जांच के बीच ही 20 हजार स्टूडेंट्स के जीएनएम एग्जाम कराए जाने पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की है। ग्वालियर खंडपीठ में जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस संजीव एस कालगांवकर की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि, मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल बेलगाम घोड़ा हो गई है। राज्य इसमें कुछ नहीं कर सकता। इन्होंने विधि की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।
जस्टिस रोहित आर्या ने कही यह बात:
सुनवाई के दौरान जस्टिस आर्या ने कहा कि, "आप छात्रों के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं, ये छात्र भी पढ़ाई के एवज में काफी बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं, जबकि इनमें से कई कॉलेज तो हैं ही नहीं। कई संस्थान में टीचर नहीं हैं। अदालत ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज एक बहुत बड़ा स्कैम बन चुके हैं। ये नर्सिंग कॉलेज शिक्षा की दुका दु नों से भी बदतर हैं। इन सबके बावजूद आपने 20 हजार छात्रों की जीएनएम परीक्षा ले ली?"
वहीं, इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित आर्या ने चेतावनी देते हुए कहा कि, "मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज एक बहुत बड़ा घोटाला बन चुके हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि, अगर सीबीआई रिपोर्ट (CBI Report) में ये देखने को मिला कि, कॉलेज अस्तित्व में नहीं हैं या फिर उनमें भारी खामियां हैं, तो मैं किसी को छोडूंगा नहीं ?"
बता दें कि, नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े के मामले में हाई कोर्ट के निर्देश पर 364 कॉलेजों की सीबीआई जांच की जा रही है। इसी बीच 20 हजार छात्र-छात्राओं की जीएनएम की परीक्षा करा ली गई। वहीं, मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बेहद तल्ख लहजे में नाराजगी जताते हुए यह तक कह दिया कि, राज्य के डीएमई क्लर्क बनने के भी लायक नहीं हैं।
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