ग्वालियर। इंदौर के बेलेश्वर मंदिर की बावड़ी में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में बनी बावड़ी एवं कुओं का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। इसी क्रम में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने नगर निगम अधिकारियों को सर्वे कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। नगर निगम द्वारा 66 वार्डों में बने कुंए बावडी का सर्वे 2016-17 में ही करा लिया गया था। इस सर्वे के अनुसार नगर निगम सीमा में कुल 3045 कुंए बावड़ी हैं। इसमें 882 बंद कर दिए गए हैं जबकि 1068 सूखे हैं। 558 में कचरा भर दिया गया है और 200 कुंए बावडी ऐसे हैं जिनका पानी पीने योग्य है। इन कुंए बावड़ी का जीर्णोद्धार कराने के लिए केन्द्र सरकार से 25 लाख रुपय की राशि भी मिली हुई है लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। निगम अधिकारी समय सीमा में सर्वे रिपोर्ट कलेक्टर को उपलब्ध करा देंगे।
नगर निगम के 66 वार्डों में स्टेट टाईम के 3045 कुंए बावड़ी बने हुए हैं। इसमें कई ऐतिहासिक बावड़ियां हैं जिनका पानी अभी भी पीने योग्य है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते बावड़ी एवं कुंए जीर्ण शीर्ण हालत में हैं। सबसे ज्यादा कुंए बावड़ी शहर के बड़े मंदिर एवं मठों में बने हुए हैं जिन पर कब्जा हो चुका है। बावड़ी एवं कुंए को पाटकर पांच मंजिला मकान बना लिए गए हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को है,लेकिन धर्म से जुड़ा हुआ मामला होने के कारण कभी ऐसे मंदिरों की जांच नहीं की गई, परंतु इंदौर के बेलेश्वर मंदिर की बावड़ी में हुए हादसे के बाद सीएम ने सभी कलेक्टरों को आदेश देते हुए कुंए बावड़ी का सर्वे कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए अब अधिकारी सर्वे कराने की हिम्मत जुटा रहे हैं। नगर निगम ने 2016-17 में सर्वे कराया था और 3045 कुंए बावड़ी की जियो टेगिंग कराई है। यह सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जा रही है। इस सूची के आधार पर नगर निगम अधिकारी जांच कराकर अतिक्रमण संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगें।
महलगांव करौली मंदिर की बावड़ी पर अतिक्रमण
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि शहर के सभी बड़े मंदिरों के अंदर कुंए बावड़ी बने हुए हैं जिन पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इसका उदाहरण महलगांव करौली मंदिर की बावड़ी है। इस बावड़ी के आसपास अतिक्रमण मकान बना लिए गए हैं। यह मकान चार से पांच मंजिला बने हुए हैं। सर्वे के दौरान यह हकीकत सामने आई थी और अधिकारियों ने इस ओर ध्यान भी आकर्षित कराया लेकिन किसी ने कार्यवाही नहीं की।
समाधिया कॉलोनी में भी बावड़ी पर कब्जा
समाधिया कॉलोनी में बनी बावड़ी पर भी कब्जा कर लिया गया है। दंबग लोगों ने बावड़ी के आसपास निर्माण कर लिया है जिसकी शिकायत नगर निगम अधिकारियों से की गई थी लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यहां कार्यवाही नहीं हो सकी। इस बावड़ी में भी इंदौर जैसा हादसा होने का खतरा बना हुआ है। इसी तरह अन्य बावड़ी एवं कुंओं की जांच में सारी सच्चाई निकल कर सामने आ जायगी। देखना यह है कि अधिकारी सब कुछ जानने के बाद कार्यवाही की हिम्मत जुटा पाते है या नहीं।
.यह है कुंए एवं बावड़ियों की जानकारी
नगर निगम के 66 वार्डों में 3045 कुंए बावड़ी बने हुए हैं।
882 को बंद कर दिया गया है।
1068 सूख चुके हैं। इनमें पानी नहीं आता।
200 कुंए बावड़ी में पीने योग्य पानी है। इसका जीर्णोद्धार हो सकता है।
558 कुंए बावड़ी में कचरा भर दिया गया है।
335 कुंए बावड़ी में पानी है लेकिन पीने योग्य नहीं है।
2 कुंए बावड़ी का पानी अभी इस्तेमाल हो रहा है।
जड़ेरूआ बांध भी सर्वे में शामिल किया गया है।
एक तालाब भी सूची में शामिल है, जो जड़ेरूआ बांध के पास है।
3 कुंए एवं बावड़ी के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इनका कहना है
कलेक्टर एवं निगमायुक्त के निर्देशानुसार हमने सभी जेडओ एवं भवन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने-अपने वार्डों में स्थित कुंए बावड़ी का निरीक्षण करें। जहां अतिक्रमण है वहां की सूची तैयार करें। वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायगी।
पवन सिंघल, सिटी प्लानर, नगर निगम
सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है वह अपने क्षेत्र का निरीक्षण कर कुंए एवं बावड़ियों की जांच करें। जहां भी अतिक्रमण कर भवन निर्माण किया गया है वहां कार्यवाही की जायगी। साथ ही ऐसी व्यवस्था करेंगे ताकि किसी तरह का हादसा न हो सके।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
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