खाचरौद, मध्य प्रदेश। अतिथि शिक्षकों ने विधायक दिलीपसिंह गुर्जर को मुख्यमंत्री के नाम गुरुजी की तर्ज पर नियमित करने का ज्ञापन प्रेषित किया।
अतिथि शिक्षक ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि मध्यप्रदेश का अतिथि शिक्षक पिछले 12 सालों से शोषण का शिकार होता चला आ रहा है। सभी सरकारों ने हमारा शोषण किया है। अब यह बर्दाश्त से बाहर हो गया है, मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण होना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम फैसला दिया हैं और वहां पर अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किया जा रहा है। एक सम्मानजनक वेतन दिया जा रहा है इसी तरह हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में नियमितीकरण की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश में कहीं कोई शुरुआत नहीं हुई है। इस बात से मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक व्यथित हैं।
मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत 70हजार अतिथि शिक्षक शासकीय स्कूल में सेवाएं दे रहे है। जिन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नाम मात्र का मानदेय दिया जाता है। पूरे सत्र तक नहीं मिलता है मानदेय। अतिथि शिक्षक 10.30 से 4.30 तक नियमित शैक्षणिक कार्य करते हैं। मध्यप्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों के अतिथि शिक्षकों के लिये एक ठोस नीति बनाई जा रही है उसी अनुरूप मध्यप्रदेश में भी ठोस नीति बनाना चाहिये। मध्यप्रदेश में 70,000 से ज्यादा अतिथि शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है और वर्षो से सेवा दे रहे हैं इन्हें गुरुजी की तर्ज पर नियमित वेतनमान में नियुक्ति प्रदान की जाए ताकि इनके परिवार का भी भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित हो सके।
यह थे उपस्थित
ज्ञापन प्रेषित करने में अथिति शिक्षक ब्लॉक अध्यक्ष जगदीश प्रजापत, जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा, आराधना कपूर, मनीषा जैन, देवीलाल जोशी, रविदास शर्मा, राकेश सोनी, आनंदसिंह सहित बड़ी संख्या में अथिति शिक्षक उपस्थित थे।
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