हाइलाइट्स :
केंद्र सरकार की गंगाजल आपके द्वार योजना 2016 में शुरू हुई थी।
250 ML की बोतल को 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 35 रुपये कर दिया गया है।
7 अक्टूबर को गंगाजल पर 18 प्रतिशत GST के निर्देश किए गए थे जारी।
भोपाल, मध्यप्रदेश। गंगाजल पर जीएसटी लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। मुझे आशा है कि भाजपा में भी जो कुछ अच्छे नेता और समर्थक बचे हैं, वो भी ‘गंगाजल पर जीएसटी’ लगाने के हमारे इस विरोध का समर्थन करेंगे। यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने पर कही है।
चुनाव तारीख की घोषणा और आचार संहिता लगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तराखंड गए थे। उन पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि, मुख्यमंत्री जी को ये ज्ञात होना चाहिए कि जिस पूजनीय गंगा माँ के किनारे शांति की तलाश में वो कैमरे की टीम के साथ गये, उस गंगा माँ के ‘गंगाजल’ पर उनके दल की भाजपा सरकार द्वारा ही जीएसटी लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि, भाजपा ने पहले राजनीति को व्यवसाय बना दिया, अब गंगा के पवित्र जल को भी व्यापार समझकर उस पर भी टैक्स लगा रही है। ‘गंगाजल’ पर टैक्स लगाना भाजपा का आध्यात्मिक भ्रष्टाचार है।
दरअसल, केंद्र सरकार की गंगाजल आपके द्वार योजना 2016 में शुरू हुई थी जिसके तहत लोगों के घरों तक गंगाजल पहुंचाया जाता था। बीते 7 अक्टूबर, रविवार को डाकघर से मिलने वाले गंगाजल पर 18 प्रतिशत GST लगाने का निर्देश जारी किया गया है। इस निर्देश के बाद देहरादून परिमंडल से गंगोत्री के गंगाजल की 250 एमएल की बोतल को 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 35 रुपये कर दिया गया है।
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