ग्वालियर। स्वयं को जीआर मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर बताकर मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक की सोमवार को पोल खुल गई। उसने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश में छेड़छाड़ कर अपना नाम जोड़ लिया और धड़ल्ले से मरीजों का उपचार करने लगा। जब दस्तावेजों में छेड़छाड़ और युवक के डॉक्टर न होने का खुलासा हुआ तो वह वह क्लिनिक छोड़कर ही भाग गया।
शहर के विक्की फेक्ट्री तिराहे पर शिवपुरी की ओर जाने वाली साईड में बनी दुकानों में मेडिकल स्टोर के अंदर क्लीनिक के नाम से एक युवक क्लीनिक संचालित कर रहा था। उसने बाहर जो बोर्ड लगाया हुआ था, उसमें उसने अपने आप को डॉ.एस.एन. सिंह, एमबीबीएस, एमडी, मेडिसिन जीआर मेडिकल कॉलेज ग्वालियर, जेएच ग्रुप हॉस्पिटल, ग्वालियर, माधव डिस्पेंसरी लिख रखा था। जब वह जीआर मेडिकल कॉलेज का छात्र नहीं रहा और वह वहां पदस्थ भी नहीं है। इसका खुलासा होते ही डॉ.एसएन सिंह अपनी क्लीनिक को छोड़कर भाग गया। क्लीनिक के पास ही मेडिकल स्टोर संचालित करने वाले घनश्याम सिंह ने बताया कि वह अपने आप को जीआरएमसी का डॉक्टर बताता था और जेएएच में ड्यूटी करने की बात बोलता था। लेकिन, जैसे ही उसे मालूम चला कि उसका भड़ाफूट चुका है, वह यहां से भाग गया। घनश्याम ने बताया कि वैसे उसका सही नाम संजीव सिंह है।
आदेश में की छेड़छाड़
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश में भी संजीव ने छेड़छाड़ की है। उसने अपने नाम को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी सूची में शामिल कर लिया। जबकि हकीकत में उसका नाम उस सूची में है ही नहीं।
क्लीनिक के अंदर मरीज को चढ़ रही थी ड्रिप
मेडिकल के अंदर ही संजीव ने क्लीनिक बना रखी थी, वह वहीं मरीजों का उपचार करता था। संजीव का झूठ पकड़ में आने के बाद राज एक्सप्रेस की टीम जब सोमवार शाम 8.30 बजे संजीव द्वारा संचालित क्लीनिक पर पहुंची तो देखा कि वहां मरीज को ड्रिप चढ़ रही थी। एक मरीज इंतजार में बैठा था।
हॉस्पिटलों में दे रहा था सेवायें
आदेश का हवाला देकर संजीव सिंह कई अस्पतालों में डॉ.एसएन सिंह बनकर सेवायें भी दे रहा था। एक निजी अस्पताल में उसने अपने आप को ह्दय रोग, डायबिटीज एवं एलर्जी रोग विशेषज्ञ बताया है।
2012 बेच का बताया अपने आप को
वायरल ऑडियो में संजीव सिंह अपने आप को 2012 बेच का बता रहा है। वर्तमान में जीआर मेडिकल कॉलेज में सेवायें देने की बात बोल रहा है। एमडी इंदौर से 2017-18 में करने की बात बोल रहा है। जब जीआर मेडिकल कॉलेज के एसआर डॉ.भरत बाथम ने ने पूछा कि हम दोनों जब एक ही विभाग में हैं तो अब तक मिले क्यों नहीं, वह जवाब देते हुए बोलता है सुबह मिल लेंगे।
इनका कहना है
हां, अभी मौखिक रूप से इसकी शिकायत मुझे मिली है, लिखित में कुछ नहीं आया है। मामला गंभीर है, मंगलवार को टीम भेजकर मैं कार्रवाई करता हूं।
डॉ.मनीष शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।