ग्वालियर,मध्य प्रदेश। भारत को टीवी मुक्त बनाने का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने का काम अब जीआरएमसी भी इसमें सहयोग देकर करेगा। इसके लिए गुरूवार को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय स्थित टीबीडीएसटी लैब और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस, चेेन्नई के बीच एमओयू हुआ है। यह दोनों संस्था मिलकर भारत को टीवी मुक्त बनाने का काम करेंगी।
जीआर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ.केपी रंजन ने बताया कि गुरुवार को दोनों संस्थाओं के बीच अनुबंध हुआ है। चेन्नई से आईं डॉ.सुचरिता ने पहले गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय स्थित टीबीडीएसटी लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण उपरांत मेडिकल कॉलेज अधिष्ठता डॉ.अक्षय निगम से चर्चा की। चर्चा उपरांत लैब से संबंधित जानकारी प्राध्यापक डॉ.केपी रंजन से जानकारी ली। अंत में तय हुआ कि इस प्रोजेक्ट में दोनों संस्थायें मिलकर नेशनल लेवल पर काम करेंगी। डॉ.रंजन ने बताया कि अभी हमने अपने प्रोजेक्ट में तीन जिले ग्वालियर, शिवपुरी और मुरैना को शामिल किया है। इसमें हम यहां के टीवी मरीजों पर स्टडी करेंगे।
प्रोजेक्ट का यह है मुख्य उद्देश्य
डॉ.केपी रंजन ने बताया कि प्रोजेक्ट का उद्देश्य टीबी के मरीजों को ड्रग रेजिस्टेंस म्यूटेशन औश्र जीनोंटाइपिक एवं फेनोटाइपिक रेजिस्टेंस के पैटर्न को जानना है। साथ ही माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के पुरे जीनोम एवं उसके अनुवंशिक लक्षणों का बायोरिपोजिटरी स्थापित करना है।
इनका कहना है
यह प्रोजेक्ट भारत में पहली बार हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के बाद टीबी के मरीजों एंव उसके इलाज में एक नया आयाम स्थापित होगा। हमें हर्ष है कि हम प्रधानमंत्रीजी के सपने को साकार करने का काम अब जीआरएमसी भी इसमें सहयोग देकर करेगा।
डॉ.केपी रंजन, प्राध्यापक माइक्रोबायोलॉजी विभाग जीआर मेडिकल कॉलेज
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