भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना और प्रदेश को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों की आय बढ़ाने और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का लाभ उठाने की दृष्टि से बजट प्राथमिकताओं का निर्धारण करना होगा।
यह बात वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रशासन अकादमी में बजट पूर्व चर्चा की प्रक्रिया में उद्योग समूह एवं वित्तीय संस्थाओं से जुड़े विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव तैयार करने के लिए नवाचार शुरू किया गया है। जिससे आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थ-शास्त्रियों तथा विषय-विशेषज्ञों की वैचारिक भागीदारी से बजट प्रस्तावों को और अधिक लोक-कल्याणकारी और परिणामजनक बनाया जा सके।
देवड़ा ने कहा कि इस पहल के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इस प्रक्रिया में 2 हजार 500 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे। इन्हीं सुझावों के आधार पर चाईल्ड बजट, पूंजीगत व्यय में वृद्धि, पेसा नियम को लागू करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में समुचित बजट प्रावधान करने, सेमी कण्डक्टकर कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन देने, पवन ऊर्जा उत्पादन के लिये विशेष पैकेज देने एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान देने और उद्योगों को समय पर इंसेंटिव का भुगतान करने जैसे विषय शामिल किये गये है। चालू वित्तीय वर्ष में इसके परिणाम भी दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बजट, प्रदेश की जनता काए जनता के लिए एवं जनता के द्वारा बनाये जाने से लोकतंत्र की अवधारणा मजबूत होती है।
प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को 550 बिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य :
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि देश की अर्थ-व्यवस्था को वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जायेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रयास है कि प्रधानमंत्री के इस संकल्प में हमारे प्रदेश का उल्लेखनीय योगदान रहे। प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को 550 बिलियन डॉलर पहुंचाने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर देने का आहवान किया है। अपर मुख्य सचिव वित्त अजीत केसरी ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बजट पूर्व चर्चा की इस प्रक्रिया में कई सुझाव अच्छे मिले हैं। इन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की आमदनी बढ़ाना सरकार का फोकस है। इस विषय पर विशेषज्ञों से सुझाव मिले हैं। बजट पूर्व चर्चा में विषय-विशेषज्ञों में हेमन्त सोनी, महाप्रबंधक भारतीय रिजर्व बैंक, निरूपम मेहरोत्रा मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड, सुनील शर्मा चैयरमेन मप्र ग्रामीण बैंक, श्रीमती कृष्णा कुमरे, जनजातीय मामले ने चर्चा में भाग लिया और अपने सुझाव दिये। वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुश्री कांता सिंह, डिप्टी कंट्री रिप्रेजेन्टेटिव, यूएन वुमन, प्रो. शमिका रवि, वाइस प्रेसीडेंट, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन नई दिल्ली, अनुराग बेहर, कुलपति अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, प्रो. इन्द्रनील मुखोपाध्याय, प्रोफेसर डॉ.योगेश कुमार, समर्थन, पर्यावरणविद, प्रो. प्रताप जेना, एनआईपीएफ पी ने भी अपने विचार रखे।
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