भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में बिजली संकट और उस पर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकारने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
नाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि पहले तो मध्यप्रदेश में बिजली संकट, कोयले की कमी और अघोषित विद्युत कटौती से ही जिम्मेदार इनकार करते रहे और अब कई दिनों बाद शिवराज सरकार नींद से जागी और अब ख़ुद शिवराज जी स्वीकार रहे हैं कि प्रदेश में बिजली का संकट है, पर्याप्त आपूर्ति नहीं है, कोयले का भी संकट है, कोयले की बकाया राशि भी देना है और अघोषित कटौती भी हो रही है, लेकिन अफसोस अभी भी बिजली संकट के कारणों को लेकर झूठ परोस रहे हैं।
कमलनाथ ने ट्वीट में कहा है कि सच्चाई यह है कि कोयले की भारी कमी है, उत्पादन इकाइयों पर कई स्थानों पर कोयला खत्म हो चुका है, कई स्थानों पर खत्म होने की कगार पर है, वहीं सरकार ने समय रहते कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए, कोयले की बकाया राशि का भी भुगतान नहीं किया, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ और अब अल्प वर्षा का बहाना बना रहे हैं, बांध खाली होने की बात कर रहे हैं, कोयला खदानों में पानी भरने की बात कर रहे हैं। यह सब अचानक तो नहीं हुआ, सरकार ने समय पर सभी आवश्यक वैकल्पिक इंतजाम क्यों नहीं किए, जिससे प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति ही नहीं बनती। अब जब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में और कृषि क्षेत्रों में कई दिनों से घंटों बिजली गायब है, किसान व जनता परेशान हो रहे हैं तो नींद से जागकर कह रहे हैं कि कोयले का इंतजाम कर रहे हैं, बकाया राशि का भुगतान कर रहे हैं, हर संभव उपाय करेंगे, वैकल्पिक बिजली की व्यवस्था कर रहे हैं। जबकि यह सब तो पहले ही हो जाना चाहिए था।
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