भोपाल, मध्यप्रदेश। नई शराब नीति पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का आज फिर बड़ा बयान सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बयान देते हुए कहा कि, 21 जनवरी को शिवराज जी के साथ हुई मेरी मुलाकात में स्वयं शिवराज जी ने मुझे बताया कि 31 जनवरी को नई शराब नीति की घोषणा करेंगे क्योंकि यही नियम है।
उमा भारती ने किया ट्वीट
उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है कि, आज 31 जनवरी है, अब शायद ही आज कैबिनेट हो और शराब नीति घोषित हो यदि जनहित, महिलाओं की सुरक्षा, नौजवानों का भविष्य, उसको ध्यान में रखकर यह तारीख आगे बढ़ाई गई है तो यह बहुत स्वागत योग्य है। लेकिन मुझे तो चिंता तब तक लगी रहेगी जब तक नीति सामने नहीं आ जाएगी, क्योंकि मध्यप्रदेश में भय, असुरक्षा, बीमारियां सबका कारण मुख्य रूप से शराब बनती जा रही है। मैं एक अच्छे समाचार की प्रतीक्षा में हूं।
सोमवार को पूर्व सीएम उमा भारती ने भावुक होकर किए थे कई ट्वीट
बता दें, सरकार नई शराब नीति जारी कर सकती है। अगर नई शराब नीति में उमा भारती के सुझावों को शामिल नहीं किया गया तो वह क्या करेगी? इस सवाल का जबाव उमा भरती ने पूछने के बाद भी जवाब नहीं दिया, हलांकि उन्होंने अपने मन में आगे का कदम तय कर लिया है। सोमवार को उन्होंने भावुक होकर भाजपा में उनकी यात्रा और शराब को लेकर उनके अभियान से उनका हित पर कई ट्वीट किए थे। उमा भारती शनिवार देर शाम से अयोध्या रोड स्थित हनुमान मंदिर परिसर में रह कर नई शराब नीति का इंतजार कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लिखा कि 31 जनवरी को नई शराब नीति घोषित हो सकती है । आशंका का कोई कारण नहीं दिखता है। शारदेय नवरात्रियों में गांधी जयंती पर मेरे ही आग्रह पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने देश के गणमान्य संतों के सामने मध्यप्रदेश की शराबनीति में जनहितकारी बदलाव की घोषणा की है, तो मै अविश्वास क्यूं करू? भारत मेरा देश है, हिंदुत्व मेरी आस्था है, भाजपा मेरी पार्टी है, मोदी मेरे नेता हैं और यह तथ्य इस जीवन में नहीं बदलेंगे। इस अभियान मे मेरे आसपास अराजनीतिक एवं सामाजिक लोग ही रह सके यह मैंने ही तय किया है। इससे मुझे आज़ादी की सांस लेने की छूट मिलती है। किसी भी प्रकार के नशे के विरुद्ध अभियान हमारी पार्टी का हिस्सा है।
- मैं कुछ पाना चाहती हूं, ऐसा कहने वाले मूर्ख
उमा भारती ने लिखा कि, शराब नीति पर बदलाव के मेरे आग्रह से मैं कुछ पाना चाहती हूं ऐसा कहने वाले लोग या दुनिया के सबसे बड़े मूर्ख है या शरारती है । 27 साल में पहली बार सांसद बनने से लेकर 57 साल की उम्र तक 30 साल में भाजपा के इतने व्यापक एवं विशाल होने के संघर्ष में मुझे तो जैसे झौंक दिया गया । मुझे बहुत प्यार, सम्मान एवं पद मिले है । मध्यप्रदेश में शराबनीति में बदलाव को लेकर मेरे सिद्धांत निष्ठ आग्रह से मुझे व्यक्तिगत तौर पर आत्मसंतुष्टि के अलावा कोई लाभ नहीं हो सकता।
-टकराव है ही नही.... पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि शराब के विषय में मैंने जो कहा है उस पर मैं, शिवराज जी एवं वी डी शर्मा जी सहमत है , तो टकराव है ही नही । नई शराबनीति आने दीजिए, सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा ।
खुले अहाते में शराब पीने की व्यवस्था तुरंत बंद होनी चाहिए, क्योंकि इस कारण से लोग शराब पीकर वाहन चलाते हैं जो कि यातायात नियमों का उल्लंघन है तथा अहातों के बाहर असामाजिक तत्वों का जमावडा होता है, महिलाएं भयभीत होती हैं एवं सज्जन लोग परेशानी में पड़ते हैं।
सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों से शराब की दुकानों की न्यूनतम दूरी एक किलोमीटर की रेडियस की होनी चाहिए।
सभी धर्मों के धार्मिक स्थानों से न्यूनतम आधा किलो मीटर के रेडियस की दूरी होनी चाहिए।
मजदूरों की बस्ती, अस्पताल, अदालतों, बस स्टैंड से शराब की दुकान की न्यूनतम दूरी आधा किलो मीटर के रेडियस की होनी चाहिए।
जिस प्रकार से सिनेमा हॉल में एवं अन्य जगहों पर शराब एवं सिगरेट के दोष बताए जाते हैं एवं लोगों को इससे दूर रहने को कहा जाता है ऐसे बड़े-बड़े होर्डिंग हर जगह शराब की दुकान के बाहर हों एवं शराब की बोतल पर शराब की बुराइयां लिखी हुई हों।
जहां भी शराब की दुकान हो उन स्थानों के पुलिस स्टेशन को यह सख्त निर्देश होना चाहिए कि दुकान में या दुकान के बाहर कोई भी व्यक्ति बैठकर शराब नहीं पी सकता, यदि ऐसा करते हुए मिले तो उस व्यक्ति पर थानेदार को सख्त कार्यवाही करने के पूरे अधिकार होने चाहिए।
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