चोइथराम मंडी में सांची पार्लर की आड़ में मिल रहा नशा सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

राज पड़ताल : चोइथराम मंडी में सांची पार्लर की आड़ में मिल रहा नशा

इंदौर, मध्यप्रदेश : मंडी प्रशासन और दुग्ध संघ के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते मंडी परिसर में चल रहे पार्लरों पर खुलेआम सांची के प्रोडक्ट की आड़ में तंबाखू प्रोडक्ट अधिक बेचे जा रहे हैं।

Piyush Mourya

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर में सांची पार्लर की आड़ में नशीली चीजें आसानी से मिल रही हैं। सांची पार्लर पर नशा करने वालों को सारी सामग्री मिल जाती है। खासकर शराबियों का अड्डा सांची पार्लर बनते जा रहे हैं। चोइथराम सब्जी मंडी की ही बात कर ली जाए तो रातभर सांची पार्लर और अवैध कैंटीन यहां खुले रहते हैं। लोग यहां पर शराब के साथ लगने वाली अन्य सामग्री खरीदने मंडी का ही रुख करते हैं। सूत्रों के अनुसार पार्लर संचालक ऐसी सारी सामग्री बेचने के लिए ही मंडी परिसर में बैठे हैं। सांची पार्लर चलाने वाले जांच नहीं होने से ही खुले आम सामग्री बेचते हैं। मंडी प्रशासन और दुग्ध संघ के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते मंडी परिसर में चल रहे पार्लरों पर खुलेआम सांची के प्रोडक्ट की आड़ में तंबाखू प्रोडक्ट अधिक बेचे जा रहे हैं। यहां आने वाले किसान सेहतमंड प्रोडक्ट के बजाय शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली खाद्य सामग्री खरीदने को मजबूर है। नियम के अनुसार सांची पार्लरों पर दूध, दही, मक्खन, मठा, आइसक्रीम आदि प्रोडक्ट बिकना चाहिए लेकिन ऐसा न होकर इन पार्लरों पर मिठाई, गुटखा, पानी के पाउच, पानी की बोतल, कोल्डड्रिंक, चाय, नमकीन सहित आदि सामान बिक रहा है। सूत्रों की माने तो कई पार्लरों को संचालकों ने किराए पर दे दिया है। इससे सांची कंपनी को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।

सांची पार्लर संचालक ने किराए पर दे रखी हैं दुकानें :

मंडी में संचालित सांची पार्लरों पर सांची प्रोडक्ट के अलावा अन्य सामग्री बेची जा रही हैं। दुग्ध संघ पार्लरों की जांच ही नहीं कर रहा हैं। इंदौर दुग्ध संघ ने चोइथराम मंडी प्रांगण में अब तक 6 पार्लर आवंटित किए हैं। मंडी समिति द्वारा इन पार्लरों के संचालन के लिए जगह भी लीज पर दी गई है जिसका किराया एक हजार चालीस रुपए प्रति महीने से लेकर 15 सौ रुपए प्रति महीने हैं। सूत्रों के अनुसार ये सांची पार्लर संचालक अपनी दुकानों को किसी अन्य व्यक्ति को 15 से 30 हजार रुपए महीने में किराए पर दिए हुए हैं। इससे मंडी प्रशासन को तो आर्थिक नुकसान हो रही है साथ ही आम नागरिकों का स्वास्थ्य अलग खराब हो रहा हैं। इतना ही नहीं किराए के एग्रीमेेंट तक किए गए हैं। यदि सही पड़ताल की जाए तो कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। दुग्ध संघ ने 2005-06 में एक, 2016 में दो और 2020 में तीन पार्लर आवंटित किए। दुग्ध संघ और मंडी प्रशासन ने परिसर में 6 सांची पार्लर खोले जाने की विधिवत अनुमति दी है लेकिन इसकी आड़ मेंं अवैध पार्लर भी खुल गए। इतना ही नहीं पार्लर की आड़ में चाय, नाश्ता की दुकानों भी खुल गई जिससे मंडी परिसर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है। सूत्रों की माने तो अतिक्रमण को बढ़ावा देने में मंडी में कुछ भ्रष्ट कर्मचारी भी शामिल हैं, क्योंकि वे अतिक्रमणकर्ताओं को हटाने की कार्यवाही ही नहीं करते हैं।

रातभर खुली रहती हैं दुकानें :

शहर में रातभर मंडी प्रांगण में संचालित पार्लरों के खुले होने की जानकारी सभी को रहती है। रात को असामाजिक तत्व यहां पर सक्रिय रहते हैं और शराबखोरी तक यहां पर होती है। नशा करने वालों को तंबाकू, सिगरेट से लेकर नमकीन, ग्लास, पानी की बोतल, कोल्डड्रिंक आदि आसानी से मिल जाते हैं इसलिए रात मेें यहां युवक से लेकर युवतियों की टोली भी नजर आती है। देवी अहिल्याबाई होलकर, फल, सब्जी और आलू प्याज मंडी में सांची पार्लर किराए पर दिए जाने का गौरखधंधा बेखौफ चल रहा है। सूत्रों के अनुसार दुग्धसंघ ने 6 सांची पार्लर को अधिकृत रुप से अनुमतियां दी है लेकिन मंडी में 8 से 10 सांची पार्लर के नाम से गुमटियां संचालित हो रही हैं। मिलीभगत के चलते मंडी प्रशासन और ना ही दुग्धसंघ जांच पड़ताल कर रहा है। दरअसल इंदौर दुग्ध संघ द्वारा शहरवासियों को उ'च गुणवत्ता के प्रोडक्ट उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से शहर सहित चोइथराममंडी में सांची पार्लर दे रखा है। मंडी मेें दिए गए सांची पार्लर सांची के अलावा अन्य प्रोडक्ट भी बेच रहा है। मंडी के मैदानी अधिकारियों की मेहरबानी से यहां पर सब कुछ चल रहा है।

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