मध्यप्रदेश। प्रदेश में जन्मे जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव का उनके गृह ग्राम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया है शरद यादव पंचतत्व में विलीन हो गए। स्व. शरद यादव के पैतृक गांव में उनकी बेटी और बेटे ने मुखाग्नि दी। इससे पहले पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
पैतृक गांव आंखमऊ में हुआ अंतिम संस्कार :
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का उनके गांव आंखमऊ में अंतिम संस्कार किया गया। नर्मदांचल के इस लाल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग अपने लाड़ले के अंतिम दर्शन के लिए यहां पहुंचे और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। स्व. यादव का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज से लपेटा गया तथा सशस्त्र जवानों ने उन्हें सलामी दी। उनके पार्थिव देह को एयर लिफ्ट कर दिल्ली से भोपाल लाया गया जहां स्टेट हैंगर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित पुराने विमानतल पर समाजवादी विचारों के पुरोधा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. शरद यादव के पार्थिव शरीर के दर्शन कर पुष्प-चक्र अर्पित किया और श्रद्धांजलि दी। शोकाकुल परिजन को ढांढस भी बंधाया। राजकीय सम्मान के साथ उनकी पार्थिव देह सड़क मार्ग से नर्मदापुरम होते हुए बाबई विकासखंड के ग्राम आंखमऊ पहुंची तो लोगों की आंखें नम हो गई। रास्ते में लोगों ने कई स्थानों पर रोककर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बेटा शांतनु बुंदेला, पुत्री सुहासिनी बुंदेला व मां रेखा यादव ने स्व. शरद यादव को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में स्वजनों और रिश्तेदारों के अलावा विभिन्न सामाजिक धार्मिक और व्यापारिक संगठनों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए।
अपने आपको पूर्व समाजवादी नेता के रूप में स्थापित करने वाले स्व. यादव इसी छोटे से गांव में से निकल कर राजनीति के उच्च मुकाम पर पहुंचे। तीन प्रदेश से वे सांसद चुने गए और राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई थी। उनकी प्राथमिक शिक्षा बाबई में ही हुई। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री भी रहे। छोटे से गांव में जन्मे श्री यादव ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी उनका व्यक्तित्व और स्वभाव मृदुभाषी था कोई भी त्यौहार कार्यक्रम हो वह अपनों के बीच जरूर आते थे। विशेष तौर पर हर वर्ष होली के त्यौहार पर वह अपने पैतृक गांव आंखमऊ में ही अपने मित्रों और अपने साथियों और रिश्तेदारों के साथ मनाते थे।
शरद के चंद्रमा की तरह शीतल थे शरद, गांव की गलियों को हमेशा याद रखा :
शरद यादव अपने नाम के अनुरूप शरद ऋतु के चंद्रमा की तरह शीतल थे। उनका व्यवहार इतना मधुर और आत्मीय भरा था कि जो भी एक बार उनसे मिलता वह उनका होकर रह जाता। अपनी इसी खासियत की वजह से उन्होंने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई। केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने हर वर्ग के लिए खासतौर पर गरीबों के लिए काफी काम किया। नामचीन होने के बाद भी राजपथ पर चलने वाले शरद बाबू का रिश्ता गांव की गलियों से हमेशा बना रहा। अपनी मातृभूमि और अपने गांव की मिट्टी से उनका इतना लगाव था कि राजनीतिक व्यस्तता के बीच में से फुर्सत निकालकर अपनों के बीच चले आते थे।
नर्मदांचल से रहा उनका खास नाता :
शरद यादव के निधन से समूचे नर्मदांचल में शोक की लहर है। हो भी क्यों न, श्री यादव सिद्धांत के पक्के थे नर्मदा कॉलेज के छात्र नेता रहे इस कारण जिला मुख्यालय से भी उनका खासा लगाव रहा था। जेपी आंदोलन के समय जबलपुर से सांसद बने राजनीतिक कैरियर तो छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में उन्होंने सन 1974 में पहली बार जबलपुर से लोकसभा के चुनाव लड़ा था, यह जेपी आंदोलन का समय था यह उन्हें हलदार किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था। शरद यादव ने यह सीट जीत ली और पहली बार संसद भवन पहुंचे उसके बाद 1977 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए। उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया उनकी सक्रिय राजनीति और कुशाग्र बुद्धि से हर समाज हर राजनीतिक दल उन्हें राजनीति का बड़ौदा मानते थे।
नम आंखों से दी अंतिम विदाई :
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक संजय शर्मा, सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, पूर्व मंत्री राजकुमार पटैल, पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा, कांग्रेस नेता सतपाल पलिया सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधिक्षक डॉ गुरकरण सिंह ने ग्राम आंखमऊ में स्व श्री यादव के पार्थिव शरीर के दर्शन कर पुष्प-चक्र अर्पित किया और श्रद्धांजलि दी। अपर कलेक्टर मनोज कुमार ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह, तहसीलदार शैलेन्द्र बडोनिया सहित जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित रहे।
अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले नेता स्व. शरद यादव : शिवराज सिंह
इस दौरान सीएम चौहान ने पुराने विमानतल पर मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि स्व. यादव मध्यप्रदेश के सपूत थे, वे अचानक चले गए, मेरे तो वे पड़ोसी थे। बचपन से ही प्रखर, जुझारू और अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले स्व. शरद ने समाज के कमजोर वर्ग, विशेषकर पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय राजनीति में छाने वाले स्व. यादव जी, जे.पी. आंदोलन के प्रमुख स्तंभ रहे।
वहीं, अस्सी-नब्बे के दशक में उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदली, मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करवाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। वे ऐसे नेता थे जो गलत का विरोध करते थे, उन्होंने नैतिकता की राजनीति की। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया और संसद का कार्यकाल पाँच से बढ़ा कर छह वर्ष किया, तब स्व. शरद ने संसद की सदस्यता से यह कह कर इस्तीफा दिया था कि जनता ने उन्हें पाँच साल के लिए चुना था, छह साल के लिए नहीं।चौहान ने कहा कि शरद एक अछ्वुत नेता थे, जो अभी भी देश को बहुत कुछ दे सकते थे।
देश के लिए अपूरणीय क्षति : पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
- पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्व. शरद यादव देश के सबसे बड़े नेताओं में एक थे। उन्होंने अपना सारा जीवन राजनीति में लगा दिया, स्व. यादव के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
स्व. यादव की कमी हमेशा खलेगी : केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल
एक अद्भुत क्षमता के धनी, देश को नई दिशा देने वाले नेता स्व. शरद यादव हमारे बीच में नहीं रहे। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। हम सब मृत आत्मा के लिए, नमन करेंगे, प्रभु चरणों में वो स्थान प्राप्त करें।
समाज का एक बड़ा नेता चला गया : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि समाज का एक बड़ा नेता चला गया, जिसकी पूर्ति होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि स्व. यादव ने बीते 5 दशकों तक प्रदेश और देश के लिए काम किया है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
सरल स्वभाव के नेता थे स्व. यादव : पूर्व मंत्री राजकुमार पटैल
पूर्व मंत्री राजकुमार पटैल ने कहा कि स्व. यादव सरल स्वभाव के लोकप्रिय नेता थे। जनता के साथ उनका आत्मीय संबंध रहता था। स्व. शरद यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
देश के बड़े नेता थे स्व. यादव : पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा
स्व. यादव ने समाज के कमजोर वर्ग विशेषकर पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होने राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदली। मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करवाने में स्व. यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे बेबाक छवि के नेता थे। संपूर्ण नर्मदांचल क्षेत्र के अलवा देश के बड़े नेता थे।
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