हाईलाइट्स
बुधनी विधानसभा से दीपक जोशी ने अब तक नहीं की दावेदारी।
कांग्रेस एनवक्त पर खेल सकती है बड़ा कार्ड।
मुख्यमंत्री को उनके विधानसभा क्षेत्र में घेरने की रणनीति।
भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दोनों ही राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है। यहीं वजह है कि, हर चाल सोच समझकर चली जा रही है। शय और मात के इस खेल में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी विधानसभा सीट बुधनी में घेरने की रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत अबतक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने चुनाव लड़ने की दावेदारी पूर्व शिक्षा मंत्री राजकुमार पटेल ने की है। पटेल सहित 18 कांग्रेस नेताओं ने बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का आवेदन संगठन को दिया है।
सूत्रों के अनुसार बुधनी विधानसभा सीट से कुल 18 कांग्रेस नेताओं ने टिकिट प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम पूर्व शिक्ष मंत्री राजकुमार पटेल का शामिल है। इनके अलावा टीवी पर हनुमान जी का किरदार निभाने वाले विक्रम मस्ताल, विजेंद्र उइके, कंचन शर्मा, धर्मेंद्र चौहान, महेश राजपूत, संजय शर्मा, अर्जुन आर्य, ममता कीर, राम पटेल, अशफाक खान( पार्षद नसरुल्लागंज.), विपुल यादव (पुत्र एडवोकेट गिरीश यादव), सुरेश सेठी (एडवोकेट), केशव चौहान, विनोद मीणा, अजय पटेल और मलखान भाई (नसरुल्लागंज) ने भी टिकिट का आवेदन दिया है।
राजकुमार पटेल ने एक बार लड़ा बुधनी से चुनाव
साल 1993 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को बुधनी विधानसभा सीट से टिकिट दिया था। इस चुनाव में राजकुमार पटेल ने भाजपा के उम्मीदवार को भारी अंतर से हराया था। दिग्विजय सिंह सरकार में राजकुमार पटेल को शिक्षा मंत्री बनाया गया था। इसके बाद सुषमा स्वराज के सामने विदिशा संसदीय सीट से कांग्रेस ने पटेल को मैदान में उतारा था लेकिन कुछ कारणवश पटेल सही समय पर अपना नामांकन दाखिल नहीं कर सके जिसकी वजह से उन्हें पार्टी से निलंबन झेलना पड़ा। कई साल बाद लगभग 2012 में उनकी कांग्रेस में वापसी हुई। तब से वह बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक है।
प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीट में शामिल बुधनी विधानसभा सीट पर सभी की निगाह है। इस सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच बार चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की है। पिछले 2 चुनाव से तो भाजपा के कार्यकर्ता ही मुख्यमंत्री को चुनाव जिताते आ रहे है। सीएम चौहान बीते चुनावों में बुधनी गए ही नहीं इस बार उन्होंने चुनाव के दौरान बुधनी नहीं आने की बात कही है। कांग्रेस इस वादे का फायदा उठाना चाहती है और मुख्यमंत्री के सामने एक ऐसा उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है जिसकी वजह से मुख्यमंत्री को अपनी विधानसभा सीट बुधनी पर फोकस करना पड़े।
अबतक हुए चुनावों में विजयी उम्मीदवार और पार्टी
1957 - राजकुमारी सूरज कला - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 - बंसीधर - स्वतंत्र
1967 - मोहन लाल शिशिर - भारतीय जनसंघ
1972 - शालिग्राम वकिल - स्वतंत्र
1977 - शालिग्राम वकिल - जनता पार्टी
1980 - केएन प्रधान - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1985 - चौहान सिंह - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990 - शिवराज सिंह चौहान -भारतीय जनता पार्टी
1992 -मोहन लाल शिशिर -भारतीय जनता पार्टी
1993 -राज कुमार पटेल -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998 -देव कुमार पटेल -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2003 -राजेन्द्र सिंह -भारतीय जनता पार्टी
2006 -शिवराज सिंह चौहान -भारतीय जनता पार्टी
2008 -शिवराज सिंह चौहान - भारतीय जनता पार्टी
2013 -शिवराज सिंह चौहान - भारतीय जनता पार्टी
2018 -शिवराज सिंह चौहान -भारतीय जनता पार्टी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव- 2018: बुधनी सीट के नतीजे
दल उम्मीदवार मत मत प्रतिशत
भाजप - शिवराज सिंह चौहान - 1,23,492 60.25
कांग्रेस- अरुण सुभाषचंद्र यादव - 64,493 31.47
बसपा- संजीव कुमार - 1,683 0.82
निर्दलीय- हेमराज पेथारी - 1,386 0.68
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