हाइलाइट्स :
दिग्विजय सिंह ने 'X' पर आरएसएस, बीजेपी और VHP पर निशाना साधा।
पूर्व सीएम ने कहा - धरती पर सभी का ईश्वर एक है और सभी धर्मों का संदेश 'इंसानियत' है।
दिग्गी राजा ने आगे लिखा कि धर्म समाज को जोड़ते हैं राजनीति समाज को बांटती है।
भोपाल। अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर दोनों ही पार्टियों के बीच आरोप - प्रत्यारोप का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 'X' पर लिखते हुए कहा कि RSS पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रहे हैं। यह समाज में “फूट डालो राज करो की राजनीति अपना रहे हैं। साथ ही उन्होंने लिखा कि सनातन धर्म के हर आयोजनों में हमारा नारा होता है “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो ,प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो”। हमारा कोई भी धार्मिक आयोजन बिना “शांति पाठ” के नहीं होता। फिर देश में अशांति क्यों फैलायी जा रही है।
शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा में न शामिल होने पर कहा -
अविमुक्तेश्वरान्द सरस्वती के चारों शंकराचार्य के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने पर 'X' पर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी ने इसीलिए चारों शंकराचार्य जी के साथ रामानन्द सम्प्रदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज को सदस्य बना कर रामालय न्यास का गठन किया था और सबसे वरिष्ठ द्वारिका व ज्योतिषापीठ के शंकराचार्य स्व स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज को उसका अध्यक्ष बनाया था। कांग्रेस मंदिर निर्माण धर्माचार्यों को सौंपना चाहती थी ना कि राजनैतिक लोगों को।
RSS समाज में 'फूट डालो, राज करो की राजनीति अपना रही'
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि RSS के लोग पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रहे हैं। यह लोग समाज में “फूट डालो राज करो की राजनीति अपना रहे हैं। पहले हिंदुओं - मुसलमानों में फूट डाली फिर राम नाम को भाजपा व ग़ैर भाजपा में बाँट दिया अब शंकराचार्य व रामानन्द सम्प्रदाय को बाँट रहे हैं। चंपत राय जी संघ के प्रचारक हैं और उन्होनें राम भक्तों के चंदे से ज़मीन ख़रीदी में घपला कर भ्रष्टाचार किया। अब राम मंदिर के संचालन कर राम भक्तों की श्रद्धा से चढ़ाई हुई भेंट पर बीजेपी और आरएसएस का प्रचार करेंगे। सभी धर्म समाज को जोड़ते हैं राजनीति समाज को बांटती है। धर्म श्रद्धालुओं से मेरी प्रार्थना है धर्म से राजनीति अलग करो “सर्व धर्म सम भाव” का पालन करो।
सभी धर्मों का संदेश एक है 'इंसानियत'
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि सनातन धर्म के हर आयोजनों में हमारा नारा होता है “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो”। हमारा कोई भी धार्मिक आयोजन बिना “शांति पाठ” के नहीं होता। फिर देश में अशांति क्यों फैलायी जा रही है। इतने व्यापक सोच के हमारे सनातन धर्म को आप बीजेपी, आरएसएस और VHP के लोग संकुचित कर रहे हैं। भारत हमारा वह देश है जिसमें हर जाति धर्म संप्रदाय वर्ग को समान अधिकार हैं और हर व्यक्ति का सम्मान है। उसे मत बांटों। यह देश सभी का है। हम सब एक हैं। धरती पर सभी का ईश्वर एक है और सभी धर्मों का संदेश एक है। “इंसानियत। उसका ही पालन करो। शांति से ही भारत का विकास होगा। “नफ़रत छोड़ो भारत जोड़ो”।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।