मुरैना : हड़ताल पर पटवारी। रवि सोलंकी।
मध्य प्रदेश

मुरैना : बाढ़ पीड़ित किसानों को नहीं मिल पा रहा बर्बाद फसल का मुआवजा

हड़ताल पर प्रदेशभर के पटवारी : सरकार की हठधर्मिता के कारण अटका किसानों की बर्बाद फसल का मुआवजा, पटवारियों से बात करती सरकार तो अब तक हो गया होता सर्वे कार्य पूरा।

Author : Ravi Solanki

मुरैना, मध्य प्रदेश। बाढ़ से बर्बाद हुए किसान अपनी नष्ट हुई फसल का मुआवजा लेने सरकार से आस लगाए बैठे हैं, लेकिन मुआवजा तब मिले जब फसल का सर्वे कार्य निपट जाए। सरकार की नाकामी के कारण फसल का सर्वे कार्य अधर में लटका है, क्योंकि इस काम को पटवारी ही अंजाम देंगे, लेकिन पटवारी इन दिनों सरकार के खिलाफ लामबंद होकर हड़ताल पर चले गए हैं। कामकाज रोककर पटवारी 14 दिन से पुरानी कलेक्ट्रेट में धरना देते हुए सरकार को कोस रहे हैं। पटवारियों ने साफ कह दिया है कि हमारी तीन मांगे हैं, ये मांगे जब तक मान नहीं ली जाएंगी धरना-प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। प्रशासनिक अधिकारियों ने पटवारियों को अपने स्तर से समझाने का प्रयास दो-तीन बार किया है, लेकिन पटवारियों ने दो टूक कह दिया है कि सरकार हमारी मांग मानेगी तभी हम काम पर लौटेंगे।

पटवारियों के प्रदेश व्यापी आंदोलन से मुरैना जिले के सभी 457 पटवारी जुड़ गए हैं। पटवारियों ने कलेक्ट्रेट में टैंट लगाया है, वहीं बैठकर वह हर रोज सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं। धरना स्थल पर आए दिन कांग्रेसी नेता पहुंच रहे हैं और इस आंदोलन का समर्थन भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर अभी जूं तक नहीं रेंगी है, जबकि उन्हें पता है कि पटवारियों से सर्वे कार्य पूरा कराना जिससे बाढ़ में बर्बाद हुए किसानों को उनकी फसल का मुआवजा दिया जा सके। पटवारियों ने अपनी मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि पहली मांग समयमान वेतनमान की विसंगति को दूर करते हुए ग्रेड पे 2800 किए जाने की है। क्योंकि प्रदेश के पटवारियों को कार्यपालिक एवं तकनीकि पद घोषित किया जाकर उनकी योग्यता स्नातक की जा चुकी है।

पटवारियों द्वारा विविध तकनीकि व ऑनलाइन कार्य निरंतर संपादित किए जा रहे हैं फिर भी उन्हें तकनीकि पद का ग्रेड- पे 2800 नहीं दिया जा रहा। पुराना ग्रेड पे ही दिया जा रहा है जो कि पटवारियों की योग्यता के अनुरूप नहीं है। पटवारियों का कहना है कि हमारे वेतनमान का उन्नयन अंतिम बार 1998में किया गया था उसके बाद वेतनमान का उन्नयन नहीं किया गया। जबकि इसी अवधि मेें अन्य विभागों के कई समकक्ष कर्मचारी जिनका वेतन तत्समय पटवारी से कम था उनका वेतनमान उन्नयन किया जा चुका है अब उन्हें पटवारियों से काफी अधिक वेतन मिल रहा है। पटवारियों का कहना है कि ग्रेड-पे हर हाल में 2800 किया जाए।

गृह जिले में मिले पदस्थापना :

पटवारियों ने अपनी दूसरी मांग का जिक्र करते हुए कहा कि नवीन भर्ती प्रदेश स्तर पर की गई है जबकि पटवारी का पद जिला स्तरीय है तथा कई जिलों के विखंडन किए जाने के कारण वर्तमान में नव-नियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले से लगभग 800-800 किमी दूर तक पदस्थ हैं। स्थिति यह है कि अधिक दूर नौकरी करने के कारण लगभग 15 पटवारी काल का ग्रास बन चुके हैं। इसलिए ऑनलाइन प्रक्रिया संपादन कर पति-पत्नि को शासन की मूल भावना निर्देशानुसार एक जगह पदस्थ करने व प्रदेश में बाहर पदस्थ नवनियुक्त पटवारियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किया जाए ताकि वे अपने पारिवारित दायित्वों का भी ठीक से निर्वहन कर सकें।

सीपीसीटी की अनिवार्यता हो समाप्त :

पटवारियों की तीसरी मांग सीपीसीटी अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर है। पटवारियों का कहना हैकि वर्तमान में 75प्रतिशत पटवारियों द्वारा सीपीसीटी उत्तीर्ण की जा चुकी है। कोरोना संकट के कारण प्रदेश स्तर पर विगत दो साल से यह परीक्षा नहीं हो पाई है। इसलिए शेष 25 प्रतिशत पटवारियों को इस परीक्षा में बैठने का अवसर ही प्राप्त नहीं हुआ। जबकि नवनियुक्त पटवारी विभाग कार्य ऑनलाइन पूरी कुशलता से कर रहे हैं। इसलिए इन पटवारियों के लिए सीपीसीटी परीक्षा का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए इस परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।

पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने किया समर्थन :

पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह मंगलवार को मुरैना पहुंचे थे। उन्हें पटवारियों के प्रदेश व्यापी आंदोलन की जानकारी थी इसलिए वह दोपहर के समय पुरानी कलेक्ट्रेट में चल रहे पटवारियों के धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पटवारी संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों से बात की और उनकी मांगों को उचित ठहराया। पूर्व मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मिलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मांगों को पूरा कराने का भरपूर प्रयास करेंगे।

जारी रहेगा धरना प्रदर्शन :

कपूर सिंह यादव, जिला अध्यक्ष पटवारी संघ मुरैना
प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत हम 10 अगस्त से मुरैना में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन में जिले भर के पटवारी शामिल हैं। हमने अपनी तीन सूत्रीय मांगों से शासन को अवगत करा दिया है। जब तक हमारी मांग मानी नहीं जाएंगी। हड़ताल लगातार जारी रहेगी। मुरैना जिले के सभी पटवारी कामबंद हड़ताल पर हैं।
कपूर सिंह यादव, जिला अध्यक्ष पटवारी संघ मुरैना

मांग पूरी होने पर ही लौटेंगे काम पर :

महेश मिश्रा, ग्रामीण अध्यक्ष पटवारी संघ मुरैना
सरकार के समक्ष कई बार मांग दोहराई गई हैं, लेकिन सरकार आश्वासन देकर मामले को टाल देती हैं। इस कारण हमारी मांग पूरी नहीं हो पा रही हैं। इस बार प्रदेश व्यापी आंदोलन मांग पूरी होने तक चलेगा। आश्वासन के भरोसे हम आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। मांगे मानने के बाद ही हम सब काम पर लौटेंगे।
महेश मिश्रा, ग्रामीण अध्यक्ष पटवारी संघ मुरैना

सरकार वेतन उन्नयन पर नहीं दे रही ध्यान :

मुकेश तिवारी, शहरी अध्यक्ष पटवारी संघ, मुरैना
हम पटवारियों द्वारा अपना काम पूरी निष्ठा से किया जाता है। पहले अन्य विभागों के जिन कर्मचारियों का वेतन हमसे कम था उनका वेतन उन्नयन होकर हमसे ज्यादा हो गया, लेकिन सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही। जबकि कई बार पटवारियों ने शासन को इससे अवगत कराया है। इस बार हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
मुकेश तिवारी, शहरी अध्यक्ष पटवारी संघ, मुरैना

क्या कहते है अधिकारी :

नरोत्तम भार्गव, एडीएम, मुरैना
बाढ़ पीड़ित किसानों को गृह हानि, पशु हानि सहित राशन व अन्य मुआवजे दिए जा चुके हैं, लेकिन फसल हानि का मुआवजा अभी नहीं मिला है, क्योंकि सर्वे कार्य पटवारियों को पूरा करना है। पटवारी हड़ताल पर हैं जब वे सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे तब मुआवजे की प्रक्रिया पूरी होगी।
नरोत्तम भार्गव, एडीएम, मुरैना

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