भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक में मेंबर्स ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंर्तगत मनोवैज्ञानिक टेस्ट क्रय ,मनोवैज्ञानिक उपकरण और एसपीएसएस साफ्टवेयर, अर्थ साइंस विभाग के लिए साफ्टवेयर आदि खरीदी के विषयों पर ईसी ने समय सीमा समाप्त होने पर नारजगी जताई। ईसी ने कहा कि कुलपति द्वारा शासन को पत्र लिखकर तीन महीने का समय बढ़ाने पर स्वीकृति ली जाए। पूर्व में की गई टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया जाए और समस्त खरीदी मप्र भण्डार क्रय नियम अनुसार जेम पोर्टल से की जाए।
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
ईसी ने एक हजार ट्रेक सूट खरीदने की अनुमति प्रदान दी। कुलपति के लिए एक वाहन क्रय करने पर भी सहमति दी। इसके अलावासमस्त कर्मचारियों के लिए एक महीने में लागे करने पर सहमति प्रदान की। ईसी ने रूसा के अनुदान से पूर्व में की गई 23 लाख की खरीदारी को सामान्य मद से भुगतान की सशर्त अनुमति दी।
पहली बार ईसी के तुरंत बाद जारी किए कार्यवाही के मिन्ट्स
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में ऐसा पहली बार हुआ है जब ईसी के ठीक बाद कार्यवाही के मिन्ट्स जारी कर दिए गए। जिसमें ईसी के एजेंडे में शामिल 10 बिंदुओं पर लिए गए निर्णयों को क्रमवार जारी किया गया। ऐसा करके विवि ने कार्यपरिषद में की गई कार्यवाही और फैसलों को पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक किया। बैठक में कई मुद्दों पर ईसी ने सशर्त सहमति जताई तो कुछ को सिरे से खारिज कर दिया। खरीदी की समय सीमा समापत होने पर आपत्ति जताई। पूर्व में की गई टेंडर प्रक्रिया को निरसत कर जेम पोर्टल से खरीदी के निर्देश दिए।
साल 2017-18 में शासन ने 5 करोड़ रुपए विवि को दिए
साल 2017-18 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए बीयू को शासन से 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। उसमें से शासन ने 5 करोड़ रुपए विवि को दे दिए थे। उसमें से विवि अब तक केवल डेढ़ करोड़ ही खर्च कर सका है और अभी भी 3. 5 करोड़ रुपए बचे हुए हैं। विवि को यह पैसा पहले अप्रैल अंत तक खर्च करना था, लेकिन उस समय विवि ने शासन से 31 मई तक का समय मांग लिया था। एक महीने का अतिरिक्त समय मिलने पर भी विवि यह पैसा अभी तक खर्च नहीं कर सका है।
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