भोपाल, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से फैलता जा रहा है। संक्रमण की यह तीसरी लहर मध्य प्रदेश के लिए बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है। एक बार फिर मध्य प्रदेश में कोरोना के 1700 से ज्यादा नए मामले सामने आए है। ऐसे ही तेजी से मामले बढ़े तो प्रदेश में संक्रमण 2 लाख का आंकड़ा जल्द पार कर लेगा। उधर बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्छी और राहत भरी खबर निकल कर सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तैयार की गई कोरोना वैक्सीन की पहली खेप राजधानी भोपाल पहुंच गई है। शुक्रवार को इसका पहला डोज यहां मरीजों को दिया जाएगा।
राजधानी के गांधी मेडिकल अस्पताल और एक निजी अस्पताल में 27 नवंबर से कोरोना की वैक्सीन "को-वैक्सिन" का पहला डोज मरीजों को दिया जाएगा। को-वैक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए वैक्सीन की पहली खेप भोपाल पहुंच गई है। गांधी मेडिकल कॉलेज और एक प्राइवेट अस्पताल में आज से वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए 100 वॉलिंटियर्स ने टीका लगवाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था।
सूत्रों के अनुसार को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए पहला टीका 27 नवंबर को पीपल्स मेडिकल कॉलेज में किसी एक वॉलिंटियर को लगाया जाएगा। इसके बाद परीक्षण के अगले चरण की शुरुआत होगी। वही जीएमसी में भी हो सकता है कि 27 को या 28 को पहला टीका लगाया जाए। आज से मरीजों को दी जाने वाली को-वैक्सिन आईसीएमआर और भारत बायोटेक इंटरनेशनल की वैक्सीन है जिसे कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार किया गया है।
बता दें लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भारत बायोटेक हैदराबाद द्वारा वैक्सीन का निर्माण किया जा रहा है। जिसको को-वैक्सीन का नाम दिया गया है। इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए देश के 25 शहरों में काम शुरू हो गया है। इसी कड़ी में बुधवार को को-वैक्सीन भोपाल पहुंची, जहां गांधी मेडिकल कॉलेज और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में इस पर परीक्षण की तैयारी शुरू की गई है।
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