राज एक्सप्रेस। कटंगी से 16 किमी. दूर वारासिवनी रोड़ पर छोटी कोचवाही में 27 अगस्त को करीब शाम 4 बजे एक हादसा हुआ, दरअसल यहां 2 यात्री बसों की आमने- सामने जबरदस्त भिंडत हुई, जिससे बस मेें सवार यात्रीयों की सांसे थम गई, परंतु गनीमत है कि, इस हादसे में किसी भी यात्री के हताहत की कोई खबर नहीं है, जबकि दोनों ही बसों में लगभग 75 यात्री सवार थें।
कैसे हुआ हादसा :
वैसे हादसे होने के 2 प्रमुख वजह बताई जा रही हैं, पहला ब्रेक फेल और दूसरा अधूरी सड़क। यात्रियों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, बालाघाट से कटंगी की ओर आ रही दुर्ग बस सर्विस की बस क्रंमाक सीजी 07 ई 1765 को कटंगी से बालाघाट जा रही नवाब बस क्रंमाक एमपी 50 पी 1174 का ब्रेक फेल हो गया और वह अनियंत्रित होकर दुर्ग बस से जा टकराई।
2 साल से अधूरा पड़ा सड़क मार्ग :
कटंगी से वारासिवनी 30 किमी. का सड़क मार्ग करीब 2 साल से अधूरा पड़ा है, जिस निर्माण एंजेसी को उक्त सड़क निर्माण का ठेका दिया गया था, उसने एक तरफ से जगह- जगह सड़क निर्माण कर अधूरा छोड़ दिया है, ऐसे में सभी छोटे-बड़े वाहन निर्मित सड़क पर चलते है और बारिश की वजह से भी ये मार्ग पूरी तरह से दलदल में तब्दील हो चुका है, इस कारण भी वाहन चालक पक्के निर्माण से ही सफर करते है, ऐसे में कभी दोनों साइड से कोई बड़ा वाहन आमने-सामने आ जाए तो सड़क हादसा हाेेेेने का अंदेशा हमेशा बना ही रहता है।
हादसे का कारण बनी सड़क :
जो हादसा अभी हुआ, उसकी कहानी भी कुछ यू ही बताई गई हैं, ऐसा बताया गया हैं कि, पक्के सड़क निर्माण से ही दुर्ग बस जा रही थीं, तभी दुसरी ओर से नवाब बस सामने आ गई, हालांकि दुर्ग बस चालक ने नवाब बस को साइड भी दिया, लेकिन हुआ ये की नवाब बस का ब्रेक फेल हो गया, जिससे नवाब बस दुर्ग बस में जा भीड़ी। अगर सड़क निर्माण कार्य सहीं ढ़ग से पूरा हो गया होता तो शायद येे हादसा नहीं होता।
नेता-अफसरों को राहगीरों की परेशानी का अहसास नहीं :
वैसे इस सड़क मार्ग पर प्रतिदिन छोटेे-मोटे हादसे हो ही रहेे हैं, लेकिन इस सड़क निर्माण मामले पर कोई नेता व अफसर ध्यान नहीं दे रहा हैं और न ही इन्हें राहगीरों की परेशानी का कोई अहसास हैं, जबकि जनता नेताओं और अधिकारियों से यहां के सड़क निर्माण कार्य को पूरा करने की गुहार भी लगा चुकी हैं, परंतु इसके बावजूद भी अब तक विभागीय स्तर पर सड़क निर्माण के लिए निविदा तक आमंत्रित नहीं की गई है, चूँकि कुछ दिनों में सड़क मरम्मत के नाम पर 90 लाख रुपये की स्वीकृति मिलने पर विधायक, मंत्री और सांसद ने वाहवाही बटोरने की भरसक कोशिश की है, हालाकिं इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी यहां की सड़क की सुरत नहीं बदली है।
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