कोरोना का खौफ, भूमि पूजन और लोकार्पण के आयोजनों पर लगी रोक Social Media
मध्य प्रदेश

भोपाल : कोरोना का खौफ, भूमि पूजन और लोकार्पण के आयोजनों पर लगी रोक

भोपाल, मध्यप्रदेश : इंदौर और भोपाल में रविवार को टोटल लॉकडाउन के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश भर में होने वाले भूमि-पूजन व लोकार्पण भीड़ के साथ नहीं होंगे।

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में निरंतर बढ़ रही कोरोना की रफ्तार से प्रदेश सरकार सकते में है। इंदौर और भोपाल में रविवार को टोटल लॉकडाउन के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश भर में होने वाले भूमि-पूजन व लोकार्पण भीड़ के साथ नहीं होंगे। इन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में ही बैठकर करेंगे। यह लोकार्पण व भूमि पूजन अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में एक साथ किए जाएंगे।

करोना की बढ़ रही रफ्तार ने प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। सरकार युद्ध स्तर पर इसे रोकने में लगी है, लेकिन इसकी रफ्तार फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार ने पहले रात का कर्फ्यू लगाया और उसके बाद रविवार को टोटल लॉकडाउन किया। इन निर्णयों के बावजूद सरकार को लग रहा है कि इसे रोकने के लिए और कठोर कदम उठाने होंगे, लिहाजा सरकार ने प्रदेश भर में होने वाले भूमि-पूजन व लोकार्पण के कार्यक्रमों में भौतिक रूप से होने वाले आयोजनों पर रोक लगा दी है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने कठोर निर्णय लेते हुए यह कदम उठाया है तथा अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल से ही वीसी के जरिए प्रदेश के सभी भूमिपूजन व लोकार्पण एक साथ करेंगे।

विभागों से मांगी जा रही जानकारी :

इसी तारतम्य में प्रदेश सरकार द्वारा सभी विभागों से प्रदेश भर में होने वाले भूमि पूजन व लोकार्पणों की जानकारी जुटाई जा रही है। सभी विभागों को यह जानकारी इस माह के अंत तक मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराना है। सभी विभागों प्रमुखों को यह जानकारी आवश्यक रूप से देने के साथ-साथ सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराना है।

संक्रमण को रोकने लिया निर्णय :

मुख्यमंत्री श्री चौहान के इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना है। आमतौर पर उपरोक्त आयोजनों पर पार्टी कार्यकर्ताओं व अधिकारियों के साथ-साथ आमजनों की इतनी भीड़ एकत्रित हो जाती है कि उससे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका प्रबल हो जाती है। दूसरा सरकार पर यह भी आरोप लगते हैं कि सरकार आम आदमी के शादी-विवाह जैसे आयोजनों में सदस्यों की संख्या को सीमित कर रही है और शासकीय आयोजनों पर लगाम नहीं लगा रही है। इससे भी जनता में गलत मैसेज पहुंचता है। फिलहाल इन सब विवादों व समस्याओं से बचने के लिए सरकार ने यह रास्ता अख्तियार किया है।

निर्णय से जनप्रतिनिधि और स्थानीय नेता खुश नहीं :

हालांकि सरकार के निर्णय से मंत्री, विधायक और स्थानीय नेता खुश नहीं हैं। वह चाहते हैं कि अपने क्षेत्र में होने वाले सभी भूमि पूजन व लोकार्पण सहित अन्य आयोजनों में भाग लें, जिससे उनकी उपब्धियों का प्रचार-प्रसार हो और उसका लाभ उन्हें प्रदेश में होने वाले आगामी नगरीय निकाय, त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में मिले। वह चुनाव के दौरान जनता से वोट मांगते समय उन उपलब्धियों को गिना सकें तथा उनके आधार पर उसको जीत हासिल हो सके। लेकिन सरकार के इस निर्णय ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि प्रदेश में कोरोना की भयवाहता को देखकर कोई कुछ भी खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

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