ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि कमलाराजा हॉस्पिटल में महिला ने एक भूत को जन्म दिया है। 20 इंजेक्शन लगाने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ। जबकि हकीकत यह है कि यह वीडियो कमलाराजा अस्पताल का नहीं है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है। उन्होंने बताया कि यह कोई भूत नहीं है। यह हार्लेक्विन इक्थियोसिस (Harlequin Ichthyosis) बीमारी है। जो स्किन डिसऑर्डर के कारण होती है।
वीडियो में दिख रहा बच्चा पूरी तरह से सामान्य नवजात बच्चों से अलग है। इस बच्चे की आंखें सामान्य से काफी बड़ी हैं, इसके साथ ही आंखों का रंग एकदम चटख लाल है। नवजात बच्चे के शरीर पर भारी संख्या में तरेड़ दिख रही हैं। जिन्ह देखने में ऐसा लग रहा था कि कोख में ही उसके शरीर पर चाकू से निशान बनाए दिए गए हों। इसके अलावा बच्चे के ज़रूरी अंग जैसे नाक, कान और निजी अंग भी नहीं हैं। साथ ही इस विचित्र बच्चे का चेहरा और मुंह बिल्कुल असाधारण दिख रहा है। जिनका आकार भी काफी बड़ा है। इसके अलावा उसके हाथ-पैर भी टेढ़े दिख रहे हैं।
इस बच्चे का वीडियो वायरल होते ही लोग तरह-तरह की बात करने लगे हैं। लोग इसे भूत बता रहे हैं। जबकि जीआर मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अजय गौड़ ने बताया कि यह यह हार्लेक्विन इक्थियोसिस नामक बीमारी है। ये एक दुर्लभ बीमारी है जो 30 लाख बच्चों में से एक बच्चे को ही होती है। शरीर में प्रोटीन और म्यूकस मेंबरेन की गैर-मौजूदगी की वजह से बच्चे की ऐसी हालत हो जाती है। ऐसे में जन्म लेने वाले बच्चे की त्वचा एकदम सख्त और मोटी हो जाती है। इसके साथ ही त्वचा का रंग सफेद हो जाता है। केआरएच में लगभग एक वर्ष में इस प्रकार का एक बच्चा आ ही जाता है।
क्या है ये बीमारी :
हार्लक्वीन इक्थीओसिस गंभीर जेनेटिक गड़बड़ी है जो त्वचा को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। ऐसे पैदा हुए बच्चों की त्वचा बहुत कड़ी और मोटी होती है। पूरे शरीर की त्वचा शाल्व की तरह होती है। त्वचा की ये असमान्यता शरीर के आकार-प्रकार, आंखों, नाक और मुंह पर तो असर डालती ही है, साथ ही हाथों और पैरों की सक्रियता भी कम कर देती है. सीने पर भी इसका सांस लेना बहुत मुश्किल भरा होता है।
इनका कहना है :
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो फेक है। यह हमारे यहां का नहीं है। इस तरह के बच्चे भूत नहीं होते। यह एक बीमारी है, जिसे हार्लक्वीन इक्थीओसिस बीमारी के नाम से जाना जाता है।डॉ. अजय गौड़, विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक, जीआर मेडिकल कॉलेज
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