भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम चुनाव में महापौर का चयन अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ तो राजधानी की दो विधानसभाओं का सबसे अधिक दखल रहने वाला है। यह विधानसभा हैं गोविंदपुरा और नरेला। क्योंकि इन दोनों विधानसभाओं में ही सबसे अधिक पार्षद की सीटें हैं। बीजेपी के सबसे अधिक पार्षद इन दोनों सीटों से ही चुनकर आएंगे। गोविंदपुरा में 18 तो नरेला में 17 सीटें हैं। बीते चुनाव का ही आंकलन करें तो गोविंदपुरा से 16 बीजेपी के पार्षद बने। जबकि दूसरे नंबर पर नरेला रहा, यहां 17 में से 14 बीजेपी पार्षद बनें। वर्तमान स्थिति को देखें तो गोविंदपुरा में कांग्रेस का कोई दावेदार नहीं है।
नगर निगम चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है। सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गया है। महीने के अंत तक चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्वाचन आयोग को अभी ओबीसी आरक्षण के लिए वार्ड आरक्षण करना है। लेकिन इससे पहले भोपाल नगर निगम चुनाव के समीकरण को समझना भी जरूरी है। वर्तमान विधायकों की सहमति बिना पार्षद प्रत्याशियों का चयन नामुमकिन है और अप्रत्यक्ष चुनाव की स्थिति में विधायकों का भी विशेष दखल रहने वाला है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के 10 मई के फैसले के हिसाब से राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकायों के चुनाव का कार्यक्रम जारी करेगा। सूत्रों की माने तो निकाय के चुनाव की शुरूआत जुलाई के दूसरे पखवाड़े में हो सकती है। नगरीय निकायों के चुनाव दो चरणों में होगें।
ऐसे समझें विधानसभाओं के दखल का गणित :
वर्तमान में नगर निगम के 85 वार्ड हैं। सबसे अधिक गोविंदपुरा में 18, दूसरे नंबर पर नरेला में 17 वार्ड हैं। जबकि मध्य में 13, उत्तर में 13, हुजूर में 12 और दक्षिण-पश्चिम में 12 वार्ड हैं। पिछले निगम चुनाव में गोविंदपुरा से 16 बीजेपी, नरेला से 14, हुजूर में 12, मध्य में 6, दक्षिण-पश्चिम में 5 और उत्तर विधानसभा से 4 बीजेपी के पार्षद बने। वर्तमान स्थिति में पिछले चुनाव में गोविंदपुरा में कांग्रेस से गिरीश शर्मा पार्षद थे, जो अब बीजेपी में जा चुके हैं। यानि यहां अब कांग्रेस के दावेदार नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी के 18 पार्षद यहां से चुनकर आ सकते हैं। जबकि नरेला में दो सीटों को छोड़ दिया जाए तो बाकी पर बीजेपी लीड कर सकती है। यही स्थिति हुजूर विधानसभा की है। यहां के एक मात्र कांग्रेस से पार्षद रहे मंजीत सिंह मारण ने कांग्रेस से दूरी बना ली है।
किस विस में कितने वार्ड :
उत्तर विधानसभा : वार्ड नंबर 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18 और 21 आते हैं। कुल वार्ड 13 हैं।
मध्य विधानसभा : वार्ड नंबर 19, 20, 22, 23, 34, 35, 42, 43, 45, 48, 49, 50, 51 आते हैं। इसमें 13 कुल वार्ड हैं।
हुजूर विधानसभा : वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 80, 81, 82, 83, 84, 85 कुल 12 वार्ड हैं।
दक्षिण-पश्चिम विधानसभा : वार्ड नंबर 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 46, 47 कुल 12 वार्ड हैं।
नरेला विधानसभा : वार्ड नंबर 36, 37, 38, 39, 40, 41, 44, 58, 59, 69, 70, 71, 75, 76, 77, 78, 79 कुल 17 वार्ड हैं।
गोविंदपुरा विधानसभा : वार्ड नंबर 52, 53, 54, 55, 56, 57, 60, 61, 62, 63, 64, 65, 66, 67, 68, 72, 73, 74 कुल 18 वार्ड हैं।
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