#DarkDaysOfEmergency: देश में 25 जून 1975 को आपातकाल (Emergency Anniversary) लगाया गया था। ऐसे में आपातकालीन की बरसी पर मध्यप्रदेश के नेताओं ने स्वतंत्र भारत के इतिहास के इस सबसे काले अध्याय के विरोध एवं लोकतंत्र को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उठी हर आवाज, हर प्रतिकार को सादर नमन किया है।
आपातकाल की बरसी पर CM चौहान ने कहा-
आपातकाल की बरसी पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- 1975 में आज के ही दिन भारतीय संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटकर आपातकाल लागू किया गया था।आम नागरिक से लेकर प्रेस की अभिव्यक्ति के अधिकार को कुचला गया, प्रत्येक मुखर आवाज पर ताले जड़ दिये गये; जो इस अन्याय के विरुद्ध डटे रहे, उन्हें काल कोठरी के अंधेरों में ठूंसकर चुप कराने का क्रूरतम प्रयास किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, लोकतंत्र के हत्यारों के विरुद्ध लड़ने वाले लोकतंत्र सेनानियों तथा आपातकाल की क्रूर यातनाओं को सहते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर देने वाले महान आत्माओं के चरणों में सादर नमन करता हूँ! हे माँ भारती,आज हम सब एक और संकल्प लेते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले महान आत्माओं के सपनों के भारत के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व झोंककर कार्य करेंगे।
नरोत्तम मिश्रा ने किया ट्वीट :
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- 1975 में आज ही के दिन लोकतंत्र की हत्या कर देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास के इस सबसे काले अध्याय के विरोध एवं लोकतंत्र को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उठी हर आवाज, हर प्रतिकार को सादर नमन।
25 जून 1975 का दिन देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन था।कमल पटेल
वीडी शर्मा ने ट्वीट कर लिखा- 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाकर इस देश में लोकतंत्र की हत्या की थी। जनता से उनकी आज़ादी छीन ली गई, प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई, जिन्होंने इसका विरोध किया उन्हें जेल में डालकर यातनाएं दी गई थी। कांग्रेस ने देशवासियों की संवैधानिक आज़ादी को छीनकर यह सिद्ध किया था कि उनके लिए सिर्फ एक 'गांधी परिवार' का ही महत्व है, देश का नहीं, लोकतंत्र विरोधी क्रूर सरकार के विरुद्ध संघर्षरत सभी लोकतंत्र सेनानियों को कोटि - कोटि नमन।
बता दें, 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।
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