भोपाल। खंबे-पोल की मेन लाईन बदलना हो या मीटर की लाईन, इसकी बिजली कंपनी से अनुमति लेना जरूरी है। ऐसा न करने पर कंपनी संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। वहीं कंपनी के ठेकेदार भी अगर बिना अनुमति प्राईवेट काम करते मिले तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों में यह नियम लागू कर दिया हैं। साथ ही कंपनी ने इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी भी बना दी है।
दरअसल कई बार बिजली उपभोक्ता प्राईवेट ठेकेदारों से मेन लाईन सहित मीटर की लाईनें बदलवा लेते हैं। वहीं नई कॉलोनी बनने के दौरान भी बिना अनुमति बिजली के काम हो जाते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र के भोपाल सहित नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी 16 जिलों के मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उनके कार्यक्षेत्र में यदि कोई विद्युत ठेकेदार कंपनी की अनुमति और कार्यादेश प्राप्त किए बिना विद्युत निर्माण करते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध एएफआईआर दर्ज कराई जाए।
कंपनी ने मैदानी अधिकारियों से कहा है कि विद्युत निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण कर जांच की जाए। बिना अनुमति लिए निर्माण कार्य करते पाए जाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पंचनामा बनाकर फोटोग्राफ लेकर जाएं। साथ ही साक्षी के बयान लेकर संबंधित थाने में विद्युत अधिनियम की धारा 138 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराएं। साथ ही संबंधित ठेकेदार को कंपनी से ब्लैकलिस्ट किया जाए। इसके लिए कंपनी ने क्षेत्रीय कार्यालयों में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है, जो संबंधित ठेकेदार को बिना अनुमति और कार्यादेश के कार्य पर नोटिस जारी करेगी। हालांकि उसे अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाएगा।
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