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MP उपचुनाव: बैलेट पेपर से मतदान को लेकर जल्द फैसला ले सकता है चुनाव आयोग

मध्यप्रदेश उपचुनाव में बैलेट पेपर से मतदान कराए जाएं या नहीं, इसको लेकर चुनाव आयोग जल्द फैसला ले सकता है। बैलेट पेपर में खर्च होंगे अतिरिक्त 2 करोड़ रुपए।

Aditya Shrivastava

मध्यप्रदेश। प्रदेश में आगामी 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग जल्द फैसला ले सकता है। जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार उपचुनाव कराए जाने की मांग कर रही है। वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे। जिसकी तारीख पहले 31 जुलाई थी। जिसे बाद में बढ़ाकर 11 अगस्त कर दिया था। वहीं कांग्रेस की मांग है कि उपचुनाव बैलेट पेपर पर हो जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा ना रहे।

कांग्रेस द्वारा की गई बैलेट पेपर पर उपचुनाव कराने की मांग पर आयोग ने कहा कि यदि बैलेट पेपर पर चुनाव कराए जाते हैं तो उनकी छपाई में 2 करोड़ का अतिरिक्त खर्च होगा। अब देखना है कि चुनाव आयोग द्वारा बैलेट पेपर पर मतदान कराए जाते हैं या नहीं कराए जाते हैं।

आपको बता दें कि कोरोना महामारी को देखते हुए कांग्रेस बैलेट पेपर र उपचुनाव कराए जाने की मांग पर अड़ी है ताकि संक्रमण का खतरा तेज ना हो। वहीं भाजपा ईवीएम से चुनाव कराने के पक्ष में हैं। भाजपा का कहना है कि मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। दो गज की दूरी और मास्क का मतदाता से पालन कराना चाहिए।

बता दें कि मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीट हैं। जिसमें से फिलहाल 27 सीट खाली हैं। 2 सीट विधायकों के निधन की वजह से रिक्त हुई हैं। जबकि 22 सीटों पर कांग्रेस विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में इस्तीफे दिए थे। उसके बाद कांग्रेस के 3 और विधायक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। सीटों के हिसाब से देखें तो कांग्रेस के 114 में से 25 विधायक कम हुए हैं तो मौजूदा आंकड़ा 89 है। जबकि बीजेपी के 107 विधायक हैं। 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी का विधायक है।

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