भोपाल, मध्यप्रदेश। सफाई को अपनी पहली प्राथमिकताओं शामिल कर चुकी भारत सरकार की स्वच्छता विद्यालय योजना मध्यप्रदेश में प्रभावी कसौटी पर खरी उतरी है। इस योजना में स्वच्छता का पराक्रम दिखाने के लिए मध्य प्रदेश के 52 जिलों में विभाग और समुदाय की भागीदारी ने जमकर पसीना बहाया है। खासकर छोटे जिलों ने इस कार्य में प्रविष्ठियां अंकन और पंजीयन करने में रोचक प्रदर्शन किया है।
बताना होगा कि, विद्यालयों को सफाई की दृष्टि से चाक-चौबंद रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने हाथ में यह काम लिया है। स्टेट लेवल प्रोग्रेस में जहां मध्यप्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है। वहीं राज्य की जिला बार कसौटियों में अपना प्रदेश कहीं से पीछे नहीं है। राज्य में धार जिले ने सर्वाधिक 2 हजार 596 रजिस्टे्रशन कराये हैं। चंबल संभाग के अंतर्गत मुरैना जिले में दो हजार पांच सौ पचास सरकारी और प्राइवेट विद्यालयों से प्रविष्टियां भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज करवाई गई है। जबकि तीसरे नंबर पर रतलाम जिला रहा है। इस जिले में दो हजार 336 प्रविष्टि पंजीयन पोर्टल हुए हैं। खरगोन जिला भी कहीं पीछे नहीं है। इस जिले से 2317 प्रविष्टियां आई हुई हैं। इंदौर 1111 तो जबलपुर ने मात्र 385 पंजीयन कराएं हैं। ग्वालियर जिले में 919 स्कूलों से स्वच्छता की तस्वीर भारत सरकार तक पहुंची है।
कक्षा से लेकर मैदान तक सफाई प्रदर्शन :
फरवरी से प्रारंभ हुआ यह कार्य 15 अप्रैल तक अनवरत रूप से चला है। अब भारत सरकार को पुरस्कार के लिए चयन करना है कि मध्य प्रदेश ने किस विद्यालय में स्वच्छता के क्षेत्र में आशातीत प्रदर्शन किया है। इस प्रक्रिया में स्कूलों के खेल मैदान से लेकर कक्षा व्यवस्था स्टाफ कक्ष की स्वच्छता देखी गई तो बच्चे किस प्रकार इस विषय में जागरूक हो रहे हैं इसके फोटोग्राफ भी भारत सरकार के अवलोकनार्थ भेजे गए हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदर्शित आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश से सभी जनों को मिलाएं त़ो 47637 स्कूलों ने पंजीयन कराए हैं।
भोपाल में फंदा का ग्रामीण क्षेत्र पंजीयन में अव्वल :
स्वच्छता की इस कार्य प्रतियोगिता में यूं तो भोपाल जिले से 352 स्कूलों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, पर इस कार्य में भोपाल का फंदा ग्रामीण क्षेत्र अब्बल रहा है। यहां पर सर्वाधिक 62.36 प्रतिशत स्कूलों ने स्वच्छता पुरस्कार हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर तस्वीर अपलोड की है। यहां पर बीआरसीसी रविंद्र जैन कहते हैं कि भारत सरकार की इस योजना में काम करने के लिए सबसे अधिक सहयोग शिक्षकों के साथ साथ समुदाय का मिला है। राजधानी में दूसरे नंबर पर बैरसिया रहा है। जबकि पंजीयन में फंदा पुराना शहर 10.31 और नया शहर 7.2 प्रतिशत पंजीयन करवा पाया है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी स्वयं कर रहे हैं निगरानी :
बताते चलें कि, इस कार्य की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। पोर्टल पर स्वच्छता पुरस्कार हेतु प्रविष्टि तौर पर जितने भी पंजीयन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में इसका बिंदुवार परीक्षण हो रहा है। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो भारत सरकार के निर्देश पर राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का पंजीयन कराने के लिए एक अभियान चलाया गया था। इस कार्य में जिला शिक्षा अधिकारियों से लेकर जिला परियोजना समन्वयक समस्त बीआरसीसी जन शिक्षक शिक्षक शाला प्रबंधन समिति और स्व सहायता समूह का भी विशेष योगदान रहा है।
इनका कहना :
यह कार्य करने के लिए समय कम मिला था। क्योंकि परीक्षाओं की भी शुरुआत की गई थी। विभाग की टीम ने समुदाय की भागीदारी से परीक्षा का कार्य संपादित करवाया तो स्वच्छता पुरस्कार हेतु पंजीयन कराने में भी दिन रात मेहनत की है।धनराजू एस, डायरेक्टर, राज्य शिक्षा केंद्र
स्वच्छ विद्यालय योजना अंतर्गत कराए गए पंजीयन में जिलावार दर्शाया गया प्रदर्शन :
सीहोर - 1421
रतलाम - 2326
मुरैना - 2550
शहडोल - 1824
सीधी - 1722
धार - 3596
पन्ना - 1503
देवास - 1743
खरगौन - 2348
उज्जैन - 1646
सतना - 2110
भिंड - 1547
बुरहानपुर - 456
शाजापुर - 842
डिंडोरी - 987
शिवपुरी - 1585
छिंदवाड़ा - 1873
दतिया - 618
अनूपपुर - 840
सिवनी - 1367
बालाघाट - 1267
होशंगाबाद - 774
छतरपर - 1251
नीमच - 548
खंडवा - 717
इंदौर - 1111
आगरमालवा - 355
ग्वालियर - 919
उमरिया - 346
विदिशा - 780
रायसेन - 646
नरसिंहपुर - 432
दमोह - 473
हरदा - 188
बैतूल - 613
सीहोर - 454
मंदसौर - 426
अशोकनगर - 235
निवाड़ी - 96
जबलपुर - 385
सिंगरौली - 250
भोपाल - 352
बड़वानी - 396
मंडला - 341
गुना - 270
टीकमगढ़ - 180
अलीराजपुर - 224
सागर - 299
राजगढ़ - 229
कटनी - 113
रीवा - 191
झाबुआ - 51
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