हाइलाइट्स
डीपफेक वीडियो मामले में अब तक दर्ज हैं 4 मामले।
मध्यप्रदेश के दो बड़े नेताओं के वीडियो हुए थे वायरल।
मशीन लर्निंग और एआई की मदद से तैयार किया है वीडियो।
(हिमांशु सिंह बघेल) इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ और कैलाश विजवर्गीय का 'डीपफेक' वीडियो वायरल हुआ था। इंदौर में अब तक इस मामले में 4 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इंदौर क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वोटिंग से पहले प्रत्याशियों के वीडियो का इस्तेमाल भ्रमित जानकारी फ़ैलाने के लिए हुआ।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल किया गया था, जो कि लाड़ली लक्ष्मी योजना बंद करने से जुड़ा हुआ था। इस फेक वीडियो की रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम अब पूरे मामले की तब्दीश में जुट गई है। वहीं कैलाश विजयवर्गीय का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज हुआ था। अब तक कुल 4 मामले दर्ज हो चुके हैं।
साइबर एक्सपर्ट ने बताया - कोडर और डिकोडर की मदद से बनता है डीपफेक वीडियो
इंदौर साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह के ने बताया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में अब डार्कनेट पर भी फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं और वहीं बेचे जा रहे हैं। डार्कनेट पर अभी तक हथियार, ड्रग्स और एटीएम - क्रेडिट कार्ड की जानकारियां बिक रही हैं। लगभग एक मिनट के वीडियो के हिसाब से एक लाख रुपये तक लिए जा रहे हैं। इस पर दो तरीके से काम होता है। मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया जाता है। इस टेक्नोलाजी में कोडर और डिकोडर की मदद ली जाती है। डिकोडर उस व्यक्ति के चेहरे और हावभाव को परखता है, जिसका वीडियो बनाना है। इसके बाद फर्जी चेहरे पर इसे लगा दिया जाता है।
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