राज एक्सप्रेस। "मर्यादा में रहकर भी सुन्दर दिखा जा सकता है, सुंदर दिखने के लिए फटी जीन्स पहनने का क्या फायदा"... कुछ इसी प्रकार की सूचना मध्यप्रदेश के मंदिरों में, जिनालयों में, पूजा स्थलों में लगाई जा रही है। पिछले कुछ समय से धार्मिक संगठनों के द्वारा मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किये जाने की मांग उठाई जा रही थी। तब से प्रदेश के मंदिरों में आये दिन इस तरह की सूचना चस्पा की जा रही है। अपनी मांग को जायज़ ठहराते हुए संगठनों के द्वारा उदहारण दिया जा रहा है की दफ्तर, अदालत, सेना या पुलिस सभी के लिए एक विशेष ड्रेस कोड होता है, अतः मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू हो।
मंदिरों में जारी है सूचना चस्पा किये जाने का सिलसिला :
मध्यप्रदेश के अशोकनगर स्थित बालाजी मंदिर में कुछ दिन पहले ड्रेस कोड लागू किया गया था। इसके बाद सोमवार को राजधानी भोपाल के मां वैष्णो धाम आदर्श नव दुर्गा मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया था। अब, मंगलवार को मंगलवारा स्थित जैन मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू हो गया। आइये जानते हैं की मध्यप्रदेश के किन-किन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड पहले से ही लागू किये गए हैं और कहाँ वेशभूषा का निर्णय श्रद्धालुओं के विवेकाधीन रखा गया है।
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर:
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सिर्फ भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना होता है। भस्म आरती के दौरान यहाँ ना केवल महिलाओं बल्कि पुरुषों के लिए भी विशेष ड्रेस कोड लागू किया गया है। महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है वहीं पुरूषों के लिए धोती, सोला, बनियान और उपवस्त्र पहनना अनिवार्य है।
चतुर्भुज मंदिर, ओरछा:
इस मंदिर का निर्माण 1554 और 1592 ई. के दौरान राजा मधुकर शाह ने करवाया था। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है। यहाँ आने वाले भक्तों के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड का नियम नहीं है पर 'कोई भी अच्छा पहनावा' पहनने की हिदायत श्रद्धालुओं को दी गयी है।
चौसठ योगिनी मंदिर:
चौसठ योगिनी मंदिर ग्वालियर से 40 किलोमीटर दूर मुरैना जिले के पडावली के पास, मितावली गाँव में है। इस मंदिर को प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया है। यहाँ भी भक्तों के लिए किसी विशेष ड्रेस कोड की व्यवस्था नहीं की गयी है पर मर्यादित पहनावे की सलाह दी गयी है।
ओंकारेश्वर मन्दिर:
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ भक्तों के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड नहीं है। परिधानों का चयन श्रद्धालुओं के विवेकाधीन छोड़ दिया गया है।
कन्दारिया महादेव मंदिर :
खजुराहो के मंदिरों में सबसे विशाल मंदिर कंदरिया महादेव का है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर का निर्माण चंदेल राजा द्वारा कराया गया था। यहाँ आने वाले भक्तों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है।
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