डॉ. एस. बी. खरे सिविल सर्जन पर डॉ. देवेंद्र सिंह ने लगाए कई गंभीर आरोप Social Media
मध्य प्रदेश

डॉ. एस. बी. खरे सिविल सर्जन पर डॉ. देवेंद्र सिंह ने लगाए कई गंभीर आरोप

जिला सीधी में पदस्थ वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवेंद्र सिंह द्वारा डॉक्टर खरे पर जिला अस्पताल सीधी में सिविल सर्जन के पद के हस्तांतरण के संबंध में व्यापक भ्रामक दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है।

Author : Prem N Gupta

सीधी, मध्य प्रदेश : जिला सीधी में पदस्थ वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवेंद्र सिंह द्वारा डॉक्टर खरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया गया कि, 'जिला अस्पताल सीधी में सिविल सर्जन के पद के हस्तांतरण के संबंध में व्यापक भ्रामक दुष्प्रचार किया एवं कराया जा रहा है जो कतई उचित नही है।'

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ का कहना :

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ श्री सिंह द्वारा कहा गया कि, 'डॉ. डी. के. द्विवेदी के ऊपर झूठा आरोप लगाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है कि श्री द्विवेदी को लापरवाही के कारण पद से हटाया गया है जो पूर्णतः गलत एवं भ्रामक है, यह दुष्प्रचार उसी डॉ. द्वारा किया गया जो काफी समय से सिविल सर्जन का पद पुनः पाने के लिए षड्यंत्र कर रहा था जब उन्हें इस पद से हटा कर रीवा ट्रांसफर कर दिया गया था तब भी उन्होंने कुछ ऐसा ही दुष्प्रचार करने का प्रयास किया था,,,, वास्तव में डॉ. द्विवेदी अपने व्यक्तिगत कारणों से सिविल सर्जन का पद छोड़ने के लिए कलेक्टर महोदय सीधी को पत्र/ आवेदन लिख कर दे चुके थे,

यह बात मुझे तीन महीने पहले से मालूम थी, मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया था वे मुझे वरीयता के आधार पर सर्वाधिक वरिष्ठ होने के नाते सिविल सर्जन का प्रभार दे कर पद से मुक्त होना चाहते थे। किन्तु मैं उनसे यह प्रभार अक्टूबर 2021 में उनके रिटायरमेंट के बाद लेना चाहता था और उन्हें रिटायरमेंट तक सिविल सर्जन बने रहने के लिए मनाता रहता था। मैं सर्विस पीरियड में उनसे सीनियर हूँ और हम सहपाठी है और मेरे प्रयासों से ही उन्हें इस बार सिविल सर्जन का पद प्राप्त हुआ था। किन्तु मई माह के शुरुआती दिनों में कोरोना महामारी के दौरान जिला अस्पताल के अधिकांश डॉक्टरों एवं नर्सो के कोरोना से पीड़ित होने के कारण और एकदम से कोरोना के मरीजों के संख्या में बृद्धि के साथ कुछ इन्हीं मेडिकल वार्ड के डॉक्टरों के असहयोग से व्यथित हो कर अत्याधिक विभागीय कार्यों के कारण उन्होंने कलेक्टर महोदय से पुनः पद त्याग करने की मंशा जताई जा चुकी है मैं सबसे सीनियर था।

मुझसे रीवा से आये संयुक्त संचालक डॉ. पाठक जी ने ,सिविल सर्जन का चार्ज लेने का आग्रह किया क्योंकि वे मेरे मित्र और सहपाठी भी है तब मैंने उन्हें अपनी अस्वस्थता के कारण अक्टूबर तक चार्ज मुझे न दे कर मेरे से जस्ट जूनियर डॉ. इंद्रजीत गुप्ता जी को देने के लिए मना लिया गया। मेरे अनुनय विनय पर ज्वाइंट डायरेक्टर डाइरेक्टर ने कलेक्टर महोदय से बात की और कलेक्टर साहेब ने भी अपनी मोहर डॉ. इंद्रजीत गुप्ता के नाम पर लगा दी । वरीयता क्रम में डॉ. खरे का नाम चौथे नम्बर पर आता है और डॉ. गुप्ता का नाम मेरे बाद दूसरे नम्बर पर आता है, इसलिए डॉ. खरे नियमानुसार सिविल सर्जन के दौड़ में आते ही नहीं है।

वे विगत 6 माह से आर्थिक लेनदेन कर सिविल सर्जन का पद पाना चाहते थे, कथित रूप से ग्वालियर के दलाल के माध्यम से उन्होंने 12 लाख रुपये खर्च कर अवैधानिक रूप से नियम विरुद्ध यह पद प्राप्त किया है। डॉ. खरे ने वरिष्टतम यानी डॉ. देवेन्द्र सिंह के पद ना लेने के कारण मुझसे द्वितीय वरिष्ठ डॉ. इन्द्रजीत गुप्ता को कलेक्टर महोदय सीधी द्वारा पद दिए जाने को आधार बना कर उसे अवैधानिक करार दे कर अपने पूर्व से लंबित फाइल को बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी लेकर भोपाल जा कर ले दे कर आर्थिक अपराध कारित कर अपने नाम यह नियम विरुद्ध आदेश करा लिया । जो नियम विरुद्ध तथा प्रचलित परिपाटी के विरुद्ध है।

मैंने माना तत्काल मैंने प्रभार लेने से मना किया था पर डॉ. गुप्ता ने तो माननीय कलेक्टर महोदय के आदेश के बाद जॉइन किया था डॉ. खरे का यह कृत्य आर्थिक भ्रस्टाचार का मामला है जो कलेक्टर महोदय सीधी के आदेशों का उल्लंघन एवं अवमानना का भी प्रकरण है। मैं एक वरिष्ठतम विशेषज्ञ और डॉक्टर एंड स्पेशलिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट होने के कारण किसी वरिष्ठ एवं सक्षम अधिकारी के अधिकारों का हनन नहीं होने दूंगा। मैं सीनियरिटी में रीवा संभाग के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, सिविल सर्जनो यहाँ तक की संयुक्त संचालक महोदय से भी तीन बैच सीनियर हूँ।

डॉ.खरे से तो पांच बैच सीनियर हूँ और सर्विस में लगभग दस साल सीनियर हूँ, मेरा किसी से व्यक्तिगत तौर पर कोई विरोध नहीं है, सब मेरा हमेशा सम्मान करते हैं, आशीर्वाद लेते हैं पर नियम तो नियम होता है, किसी के अधिकारों का हनन करने का अधिकार किसी को भी नहीं है, यदि उच्चा धिकारियों ने गलती की है तो उसे वे सुधारने के लिए मै उन्हें हर प्रकार से बाध्य करूंगा, क्योकि किसी जूनियर के अधीनस्थ किसी सीनियर का काम करना बड़ा कष्टदायी होता है,जो मानव अधिकारों का उल्लंघन भी है । यह सभी जानते हैं वर्तमान में जिला अस्पताल में डॉ.खरे से चार लोग सीनियर विशेषज्ञ कार्यरत हैं । डॉक्टर देवेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि नियमानुसार कार्यवाही की जाए अन्यथा की स्थिति में विधिक कार्यवाही जारी रहेगी। डॉ. देवेंद्र सिंह सीनियर चाइल्ड स्पेशलिस्ट सीधी।

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