भोपाल, मध्यप्रदेश। मंगलवार को एमपी में सभी डॉक्टर स्ट्राइक पर रहे, सुबह ही सभी डॉक्टरों ने ओपीडी और आईपीडी को बंद कर दिया। ऐसे में संविदा कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री के बंगले का घेराव किया। डॉक्टरों के हड़ताल के चलते मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
डॉक्टरों की मांग-
इस दौरान डॉक्टरों ने मांग की है कि समयबद्ध क्रमोन्नति की व्यवस्था हो, इसके साथ ही मेडिकल विभगा के टेक्निकल मामलों में प्रशासनिक दखल भी खत्म किया जाए। डॉक्टरों ने बताया है कि वे प्रदेश सरकार से लंबे समय से मांग कर रहे थे, लेकिन जब मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तब फिर हमें सांकेतिक हड़ताल करने के लिए बाध्य होना पड़ा।
तीन मई से मध्यप्रदेश के डॉक्टर जाने वाले हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
खबर मिली है कि, मध्यप्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक डॉक्टर तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देगा, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ना तय है।
इस मामले को लेकर कमलनाथ ने कहा-
इधर इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अपना अमूल्य योगदान देने वाले एवं कोरोनाकाल में अपने प्राणों की चिंता किए बिना प्रदेश की जनता का उपचार और टीकाकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हमारे शासकीय चिकित्सक और संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
आवश्यक कदम उठाएं सरकार- कमलनाथ
मैं राज्य शासन से अनुरोध करता हूं कि अविलंब हड़ताल कर रहे शासकीय चिकित्सकों और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद स्थापित कर उनकी मांगो के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलें और आम जनता एवं गंभीर मरीजों को असुविधा ना हो।
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