भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस लाइन, भोपाल में नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सीएम ने भोपाल में नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र भेंट कर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर गृहमंत्री और महापौर भी उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा- अपनी मेहनत, लगन, प्रतिभा से नियुक्त होने पर आप सभी नव आरक्षकों को मैं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। यह सिर्फ नौकरी नहीं है, देश की रक्षा, जन सेवा का संकल्प भी है। जब आवश्यकता हुई पुलिस बल ने सर्वोच्च बलिदान दिया है, मध्यप्रदेश पुलिस का इतिहास शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है। कबायली हमला हो या गोवा मुक्ति का संघर्ष हो या नागालैंड, मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कर्तव्य निर्वहन कर देश की सेवा की है।
पुलिस की वर्दी कोई साधारण वर्दी नहीं है, यह वर्दी देश तथा प्रदेश की सुरक्षा की है: CM
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि, पुलिस की वर्दी कोई साधारण वर्दी नहीं है। यह वर्दी देश तथा प्रदेश की सुरक्षा की है, यह वर्दी अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए है। यह वर्दी निर्बलों को ताकत देने के लिए है। यह वर्दी सज्जनों का उद्धार करने के लिए है। निष्पक्षता, ईमानदारी, प्रमाणिकता साख बनती है। नव आरक्षक ईमानदारी के साथ कर्तव्य का निर्वहन करें, तभी पुलिस बल की उच्चतम साख स्थापित होती है। मध्यप्रदेश की शांति और सुरक्षा के लिए कर्तव्य पथ पर सरकार हर कदम आपके साथ है।
-संवेदनशीलता, वीरता, देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूँजी है जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का स्थान बनाया है। इसे कभी बिगड़ने मत देना। वर्दी की मर्यादाओं को कभी भूलना मत।
-सब सम्मान करते हैं, यदि हम अपना कार्य प्रमाणिकता से करते हैं। कई एसपी, पुलिस कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, एएसआई के लोग उदाहरण देते हैं। मैं चाहता हूं कि आपके नाम का उदाहरण लोग दें कि पुलिस वाला हो, तो ऐसा हो।
मध्यप्रदेश पुलिस ने राज्य में सिमी आतंकी का नेटवर्क हो या बीहड़ के जंगल में डकैतों का आतंक या फिर नक्सलियों का आतंक, मध्यप्रदेश पुलिस ने इन सभी को ध्वस्त किया है, प्रभावी अंकुश लगाया है।
नवआरक्षक यह याद रखें कि यह वर्दी देश की रक्षा के लिए है, समाज की सुरक्षा के लिए है, अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ने के लिए है, सज्जनों के उद्धार और दुर्जनों पर अंकुश के लिए है।
आरक्षक पुलिस बल का नींव है, आधार है। अतिशयोक्ति न होगी कहना कि आरक्षक पुलिस बल की आंख और कान है। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल का नेतृत्व करते हैं, लेकिन क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा पहले आरक्षक पर ही होता है।
कई बार ऐसा समय आता है, जब मां कहती है कि मेरी दूध की लाज रखना। एक मां आपको जन्म देने वाली है और एक भारत मां है, इस मां के दूध की लाज रखना।
मध्यप्रदेश पुलिस ने कर्तव्य पथ पर चलते हुए राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन किया। हमारे जवानों ने एक साल में लगभग 1 करोड़ 14 लाख के डकैती नक्सलियों को मार गिराया।
मध्यप्रदेश पुलिस का अर्थ है सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल, लेकिन दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर। पुलिस बल से जिम्मेदार आम नागरिकों को ज्यादा उम्मीदें होती है, उनकी रक्षा हमारा कर्तव्य है।
मुझे और मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता पुलिस पर गर्व करती है। कोविड काल में आपने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव से सबका दिल जीत लिया। कर्तव्य निर्वहन के लिए बलिदान देने में भी आप पीछे नहीं रहे।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।