हाइलाइट्स
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा बयानबाजी जारी।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने निर्माणाधीन मंदिर स्थापना पर दिया तर्क।
कहा - निर्माणाधीन मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' नहीं होती।
राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति एक बच्चे के रूप में होनी चाहिए।
Ram Mandir Pran Pratishtha : भोपाल, मध्य प्रदेश। शास्त्रों के अनुसार, एक निर्माणाधीन मंदिर के अंदर 'प्राणप्रतिष्ठा' नहीं की जाती है। वे शास्त्रों के खिलाफ क्यों जा रहे हैं? यही उपयोग है राजनीति के लिए धर्म का...हम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद उसके दर्शन करेंगे। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के सम्बन्ध में प्रतिक्रिया देते हुए कही है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि, मेरे गुरु स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सुझाव दिया कि राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति एक बच्चे के रूप में होनी चाहिए, जो माता कौशल्या की गोद में बैठे हों। रामलला की तस्वीरें हालाँकि मूर्ति में भगवान को 5 साल के बच्चे के रूप में दर्शाया गया है।
दरअसल, अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होना तय है। मंदिर में स्थापना होने के बाद भी मंदिर निर्माण का कार्य किया जायेगा। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने तर्क देते हुए बयान दिया है।
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