जबलपुर, मध्य प्रदेश। बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चाओं में रहते हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयान के चलते चर्चा में हैं। हाल ही में देश में लगातार प्रसिद्ध हो रहे, बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समलैंगिक विवाह को आड़े हाथों लिया।
बता दें कि, जबलपुर में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समलैंगिक विवाह (LGBT) की चर्चा करते हुए कहा कि, "हमारा जन्म ऐसे युग में हुआ, जब लड़का ही लड़का से शादी कर रहा है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि, अब बड़े शहरों में इस तरह के विवाह आम हो गए। उन्होंने कहा कि, अब तो कार्ड भी पढ़ना पड़ता है कि लड़का की शादी लड़का से हो रही है कि, लड़की से। यह विवादित बयान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पनागर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से दिया है।"
गोकर्ण-धुंधकारी कथा प्रसंग समझाते हुए महाराजश्री ने कहा कि, भगवान का भक्त बनने के बाद कोई कभी रोता नहीं है, वरन सदा मुस्कुराता रहता है। उन्होंने प्रतिप्रश्न किया कभी महात्माओं को रोते देखा है? महात्मा यदि रोते नहीं हैं, तो इसका कारण सिर्फ यही है कि, वे भगवान के प्रेम में डूबकर सदा मुस्कुराते रहते हैं।
पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री धुंधकारी कथा ये बताती है कि, "भागवत कथा के श्रवण से जीवन की बाधाएं ही दूर नहीं होतीं, प्रेत बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है। भागवत कथा जिंदा व्यक्ति को तो मुक्ति करती ही है, मरने के बाद उसके नाम पर कोई कथा सुनवा दे, तो भी दिवंगत आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि धुंधकारी ने मुक्त होकर भागवत कथा की महिमा गाई।"
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