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मध्य प्रदेश

महिला पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने अपने अच्‍छे कामों से स्‍वयं को किया प्रमाणित: DGP सुधीर सक्‍सेना

मध्यप्रदेश: पीटीएस पचमढ़ी में महिला पुलिस अधिकारी/ कर्मचारियों का तीन दिवसीय सेमिनार ''फुलवारी'' संपन्‍न, इस अवसर पर DGP सुधीर सक्‍सेना ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से विचार व्‍यक्‍त किए।

Priyanka Yadav

मध्यप्रदेश। आज पुलिस मुख्‍यालय भोपाल से पीटीएस पचमढ़ी में आयोजित महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के तीन दिवसीस सेमिनार ''फुलवारी'' के समापन अवसर पर DGP सुधीर सक्‍सेना ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से विचार व्‍यक्‍त किए। उन्‍होंने सफल और अच्‍छे आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि, पुलिस विभाग में महिलाओं की सहभागिता जहां पुलिस के आचरण में सुधार लाती है वहीं महिला अपराधों की प्रभावी रोकथाम भी सुनिश्चित करती हैं।

उक्‍त उद्गार डीजीपी सुधीर सक्‍सेना ने आज पुलिस मुख्‍यालय भोपाल से पीटीएस पचमढ़ी में आयोजित महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के तीन दिवसीस सेमिनार ''फुलवारी'' के समापन अवसर पर वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से व्‍यक्‍त किए। उन्‍होंने कहा कि सभी सहभागियों के लिए यह सेमिनार बहुत ही उपयोगी और प्रासंगिक रहेगा। सेमिनार के दौरान सभी स्‍तर के अधिकारियों का परस्‍पर इंटरएक्‍शन आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सकारात्‍मक परिवर्तन लाएगा जो कि आपको अच्‍छा पुलिस अधिकारी बनने में सहायक होगा।

डीजीपी सक्‍सेना ने कहा कि पुलिस विभाग में महिलाओं की सहभागिता बहुत पुरानी है। सबसे पहले ब्रिटेन में 1845 में, 1890 में शिकागो पुलिस में फिर 1938 में भारत में पुलिस बल में महिलाएं सम्मिलित हुईं। मध्‍यप्रदेश में शासन का लक्ष्‍य पुलिस बल में कम से कम 33 प्रतिशत महिला पुलिस कर्मियों की सहभागिता करना है जिसे हम प्राप्‍त करने की ओर अग्रसर है। अब हम लैगिंक संवेदनशीलता से लैंगिक समानता की ओर बढ़ रहे हैं। विभिन्‍न अध्‍ययनों से यह निष्‍कर्ष निकला है कि जिन थानों में महिला डेस्‍क स्‍थापित हैं और वहां महिला पुलिस की तैनाती है तो पीडि़त महिलाएं अपनी समस्‍या अच्‍छे से बता पाती हैं जिससे महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित होती है। यूनाइटेड नेशन पोल में भी यह तथ्‍य आया है कि पुलिस विभाग में महिलाओं की उपस्थिति आमजन में पुलिस के प्रति विश्‍वास को बढ़ाती है।

डीजीपी श्री सक्‍सेना ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारी/‍कर्मचारियों ने अपने अच्‍छे कामों से स्‍वयं को प्रमाणित किया है। उन्‍होंने कहा कि आप सभी स्‍वस्‍थ और प्रसन्‍न रहकर कार्य करें हमें गर्व है आपके अच्‍छे कार्यों पर। सेमिनार के दौरान की गई अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार करेंगे। ''फुलवारी'' का आगे भी इसी तरह सफल संचालन करते रहने की अपेक्षा करते हुए उन्‍होंने इस तरह के नवाचार के लिए अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) अनुराधा शंकर तथा पुलिस अधीक्षक पीटीएस पचमढ़ी निमिषा पाण्‍डेय की सराहना की।

पीटीएस पचमढ़ी की पुलिस अधीक्षक निमिषा पाण्‍डेय ने सेमिनार ''फुलवारी'' की जानकारी देते हुए बताया कि यह लगातार तीसरा आयोजन है जिसमें प्रदेश की 122 महिला पुलिस अधिकारी, कर्मचारी सम्मिलित हुईं। इस तीन दिवसीय सेमिनार में समूह चर्चा, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन आदि गतिविधियाँ आयोजित की गयीं। प्रथम दिवस स्‍मारिका ''वीथिका'' तथा वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्‍डर का विमोचन किया गया। सहभागियों को प्रेरित करने के लिए यूएन में कार्यरत् अथवा कार्य कर चुकी महिला पुलिस अधिकारियों का प्रेरणात्‍मक उद्बोधन,अपनी बचत का उचित उपयोग कैसे करें, के लिए ओमनाथ शर्मा का व्‍याख्‍यान तथा हेल्‍थ एवं वेलनेस के लिए डॉ. रूही चन्‍द्रा का मार्गदर्शन भी सहभागियों को मिला।

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