भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी सहित प्रदेश के 1450 निजी और सरकारी कॉलेजों के आगामी सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है। यूजी में प्रवेश लेने एक अगस्त से पंजीयन शुरू होंगे, जो 12 अगस्त तक चलेंगे। विभाग ने मानवीय कदम उठाते हुए कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने का निर्णय लिया है। ऐसे प्रवेशित विद्यार्थियों को डिग्री करने के दौरान किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करना होगा। उनसे परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। प्रदेश के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता का निधन एक मार्च से 30 जून तक कोरोना संक्रमण या किसी कारण से हुआ है। ऐसे 21 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को विभाग सरकारी और अनुदानित कॉलेज और विवि के यूजी कोर्स में निःशुल्क प्रवेश देगा।
कोरोना संक्रमण की भयाहवता से सभी वाकिफ हैं। इस दौरान शारीरिक, मानसिक के साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति को भी झटका लगा है। कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। बच्चों के पास भरण-पोषण तक की व्यवस्था नहीं हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यार्थियों को नि:शुल्क डिग्री कराने का निर्णय लिया है। उन्हें वार्षिक शुल्क, मैस के भुगतान के अलावा कॉशनमनी तक में राहत दी जाएगी। अध्ययनरत होने की स्थिति में विद्यार्थी की आयु 24 वर्ष तक पात्र मानी जाएगी। निजी विश्वविद्यालय और कालेजों की फीस का निर्धारण प्रवेश एवं फीस विनियाम समिति द्वारा किया जाता है। ऐसे कालेजों की फीस या 15,000 जो भी कम हो, उसका भुगतान बाल हितग्राही के आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा। वर्तमान में कोई विद्यार्थी प्रवेशरत है। उसे भी स्कीम का फायदा दिया जाएगा।
यूजी-पीजी के पंजीयन एक अगस्त से शुरू :
विभाग एक अगस्त से यूजी-पीजी में पंजीयन एक अगस्त से शुरू करेगा। यूजी के पंजीयन 12 और पीजी के पंजीयन सात अगस्त तक चलेंगे। यूजी में सत्यापन दो से 14 और पीजी में दो से नौ अगस्त तक होंगे। यूजी का अलाटमेंट बीस और पीजी का अलाटमेंट 14 अगस्त को जारी किया जाएगा। यूजी में विद्यार्थी 25 और पीजी में 19 तक प्रवेश ले सकते हैं और निरस्त भी करा सकेंगे। इसके बाद यूजी का दूसरा चरण 27 अगस्त से 14 सितंबर और पीजी का दूसरा चरण 21 अगस्त से 11 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद यूजी की सीएलसी 16 से तीस सितंबर तक और पीजी की सीएलसी 14 से तीस सितंबर तक चलेगी।
आनलाइन ही हो जाएगा डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन :
विभाग ने पूरी प्रक्रिया आनलाइन की है। इसमें विद्यार्थियों को अपने दस्तावेज वेरीफाई कराने के लिए कालेजों तक नहीं जाना होगा। सीबीएसई और एमपीबोर्ड से विद्यार्थियों के रोल नंबर से 12वीं का वेरीफिकेशन हो जाएगा। इसके बाद जाति, मूल निवास और अन्य दस्तावेजों को विद्यार्थियों को स्कैन कर विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना होगा। प्रोफेसर अपने लागिन पासवर्ड का उपयोग कर वेरीफिकेशन कर सकते हैं। आनलाइन वेरीफिकेशन में विद्यार्थी के दस्तावेज साफ नहीं देने की स्थिती में ही प्रोफेसर विद्यार्थी को सभी दस्तावेज के साथ बुलाकर डॉक्यूमेंट वेरीफाई करेंगे।
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