राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में स्थित सिरोंज नगर को जिला बनाने की मांग 1983 सें लगातार की जा रही है। इस दौरान आमरण अनशन, हस्ताक्षर अभियान, नगरबंद, सहित कई आंदोलन किए जा चुके हैं। लेकिन क्षेत्र की आम जनता का यह सपना 37 वर्ष बाद भी साकार नही हो सका। विधानसभा चुनावों के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर नगर वासियों को यह आशा जागृत हुई थी कि, अब सिरोंज को जिला बनाने का सपना भाजपा कार्यकाल में नहीं हुआ वो कांग्रेस सरकार पूरा करेगी।
जब कुछ दिन पूर्व मप्र में सत्ता के लिए राजनीतिक घटनाक्रम जारी था। इसी बीच मध्यप्रदेश कमलनाथ सरकार ने चाचौड़ा, नागदा एवं मैहर को जिला बनाने के लिए कैबिनेट में स्वीकृति दी है। इसकी जानकारी जैसे ही नगरवासियों को मिली तब से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार के प्रति टिप्पणी करते नजर आए।
सिरोंज का प्राचीन गौरवशाली इतिहास रहा है :
आजादी के पूर्व प्राचीनकाल में व्यापारिक नगर सिरोंज मलमल के वस्त्र बनाने में पूरे देश में प्रसिद्ध रहा है। शहर में सिक्के ढालने की टकसाल रही है। इसके बाद यह चंदेरी रियासत में शामिल रहा है। शहर महाराज छत्रपाल के अलावा अन्य शासन काल में होलकर राज्य का जिला रहा है। होलकर राज्य की रानी अहिल्या देवी द्वारा निर्मित नीलकंठ मंदिर आज भी यहां प्रसिद्ध है। इसके बाद अंग्रेजों से समझौते के तहत रियासत टोंक में सिरोंज 1949 तक जिला रहा। रियासत टोंक को आजादी के बाद राजस्थान राज्य में विलीन होने पर सिरोंज को जिले का दर्जा समाप्त कर राजस्थान के जिला कोटा में अनुविभाग बना दिया गया। इसके बाद शहर में हमेशा आईएएस अधिकारी नियुक्त होते रहते है। 1नबंम्बर 1956 मध्यप्रदेश राज्य के गठन में राजस्थान के कोटा जिले से प्रथक कर मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में शामिल कर इसको अनुविभाग बना लिया गया।
28 साल पहले भी सिरोंज को नहीं मिला जिले का दर्जा :-
1983 में मध्यप्रेदश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने जिला सीमा पुर्नगठन आयोग बनाया और आयोग द्वारा नवीन जिला बनाने सुझाव मांगे गए, तब नगरवासियों ने दिसंबर 1983 को बैठक कर सिरोंज जिला बनाओ समिति गठित कर सिरोंज को जिला बनाने, जिला पुर्नगठन आयोग को मांग पत्र सौंपा, भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने जिला पुर्नगठन आयोग की रिर्पोट पर 16 नवीन जिले बनाने का निर्णय लिया उस निर्णय को तकनीकी आधार पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। इस पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दी। हाईकोर्ट का स्टे हटने पर सितंबर 1992 को राजस्व विभाग भोपाल गजट नोटिफिकेशन के अनुसार मध्यप्रदेश के 16 नवीन जिले गठन करने की कार्रवाई प्रारंभ हुई। इन 16 जिलों में सिरोंज का नाम शामिल ना होने से सिरोंज वासियों ने सामूहिक रुप से सर्वदलीय सभा कर सितंबर 1992 को अध्यक्ष जिला पुर्नगठन आयोग को ज्ञापन सौंपकर दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सिरोंज को जिला बनाने की मांग की।
जिले की मांग को लेकर कई बार हुए आंदोलन :-
23 सितंबर 1992 में शहर के सभी वर्गो की सामूहिक बैठक का आयोजन कर जिला बनाओ सर्वदलीय जनसंघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसका अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी एवं तत्कालीन सांसद प्रतिनिधि लेखराज सिंह बघेल को चुना गया। इस दौरान समिति के आह्वान पर 25 सितबंर को सिरोंज बंद रहा और इस दौरान आम सभा कर स्थानीय एसडीओ के माध्यम से सचिव राजस्व विभाग को पत्र भेजा गया।
इसी क्रम में 28 सिंतंबर को स्कूली छात्र-छात्राओं ने शिक्षण संस्थाओं का बहिष्कार व वकीलों ने न्यायालय में कार्य का बहिष्कार किया। 30 सितंबर को समिति का एक प्रतिनिधि मंडल तत्कालीन राजगढ़ सांसद दिग्विजय सिंह से भेंट कर सिरोंज को जिला बनाने की मांग की। उन्होंने समर्थन करते हुए राजस्व सचिव को पत्र भी भेजा। 26 नवम्बर से 1 दिसंबर तक गॉधी बाजार में जिला बनाने की मांग करते हुए आमरण अनशन किया गया। जो प्रशासन के आश्वासन के उपरांत 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। 31 दिसबंर 2006 को नगर में शिवराज सिंह चैहान के प्रथम आगमन पर एवं राज्यपाल बलराम जाखड़ के लटेरी आगमन पर जिला बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
37 वर्षों से चली आ रही है मांग :-
सन1983 सें सिरोंज को जिला बनाने की मांग की जा रही है। लेकिन सिरोंज की आम जनता का सपना आज तक साकार नही हो सका। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम सभी को पूर्ण विश्वास था कि इस बार सिरोंज जरूर जिला बनेगा पर इस बार भी हताशा ही हाथ लगी है:- रघुवीर सिंह रघुवंशी वरिष्ठ समाजसेवी सिरोंज
रूपरेखा तैयार कर करेंगे आंदोलन :-
लंबे समय से सिरोंज को जिला बनाने की मांग की जा रही है। समय समय पर आमरण अनशन नगर बंद हस्ताक्षर अभियान जैसे कई आंदोलन भी किए गए हैं। वर्तमान सरकार को चाचौड़ा, मैहर व नागदा को जिला बनाने के लिए कैबिनेट ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी है, सिरोंज को नजरअंदाज किया है जिसके लिए नगर के सभी संगठनों में आक्रोश व्याप्त है इसके लिए हम सभी संगठनों के साथ मिलकर आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे:- घनश्याम शरण त्यागी एडवोकेट सिरोंज
जिला बनाने फिर चलेगा अभियान :-
आजादी से पूर्व प्राचीनकाल में विभिन्न शासन काल में सिरोंज जिला रहा है। मध्य प्रदेश सरकार में 15 जिले बनाएं गये उनमें सिरोंज को भी शामिल किया जाना था पर नहीं किया गया। वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार ने 3 जिले बनाए इनमें भी सिरोंज को शामिल नहीं किया है इसका खामियाजा मध्य प्रदेश सरकार को आगामी समय में भुगतना पड़ेगा। सभी सामाजिक संगठन एक साथ बैठेंगे और नई रणनीति तैयार करेंगे जिला बनाने के लिए:- डॉ. प्रहलाद गर्ग सिरोंज
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