अशोकनगर, मध्य प्रदेश। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शासकीय योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों को कड़ी चेतावनी देने के अगले ही दिन अशोकनगर जिले में बड़ा घोटाला सामने आया है। जनपद पंचायत मुंगावली की ग्राम पंचायत बहादुरपुर के ग्रामीणों ने यहां के सरपंच-सचिव और पंच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों की मानें तो यह जनप्रतिनिधि और शासकीय कर्मचारी जनसम्बल योजना के तहत मिलने वाली अंत्येष्टि की राशि भी डकार गए हैं। इतना ही नहीं कई शासकीय निर्माण कार्यों में भारी घोटाला किया गया। शिकायत करने के लिए बहादुरपुर ग्राम पंचायत के एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीण मंगलवार को कलेक्ट में जुट गए।
निर्माण कार्यों के दौरान घोटाला और अनियमितता की शिकायतें
जिले की ग्राम पंचायत में निर्माण कार्यों के दौरान घोटाला और अनियमितता की शिकायतें लम्बे समय से सामने आ रही हैं। हाल ही में पद्भार संभालने वाली कलेक्टर आर. उमा माहेश्वरी ने भी चेतावनी जारी की थी कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन ईमानदारी से नहीं किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजधानी में बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने भी गड़बड़ी करने वालों को चेताया। लेकिन घोटाला और घपलों में निपुण हो चुके जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा है।
मुंगावली जनपद पंचायत की बहादुरपुर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की मानें तो वह पिछले सात वर्षों से ग्राम पंचायत की मासिक, वार्षिक एवं अहम बैठकों में भाग ले रहे हैं। लेकिन उन्हें ग्राम पंचायत द्वारा एक भी बैठक का भत्ता नहीं दिया गया है। उनके द्वारा सचिव को कई बार बताया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीण राकेश प्रजापति, नरेश पंथी सहित कई लोगों ने शिकायत की है कि ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा विगत सात वर्षों में पंचायत के अंदर डाली गई सीसी सड़क के मनमाने तरीके से बिल लगाकर राशि निकाल ली। सरपंच-सचिव ने इन निर्माण कार्यों की जानकारी उपसरपंच एवं संबंधित वार्ड के पंचों को भी नहीं दी। एक और गंभीर आरोप यह है कि ग्राम सभा की बैठक में कई बार सरपंच-सचिव द्वारा गुमराह करके पंचों के कोरे कागज पर हस्ताक्षर भी करा लिए गए हैं।
गायों के नाम भी गड़बड़ी
चौंकाने वाली बात यह भी पता चली है कि जिन गायों को लेकर प्रदेशभर में हंगामा मचा हुआ है, उनके नाम पर भी पंचायत में गड़बड़ी हुई। शिकायतें की मानें तो बहादुरपुर ग्राम पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में गौशाला के निर्माण में धांधली की गई। पंचायत द्वारा शासन से निर्धारित 27 लाख रुपए की राशि मनमाने तरीके से बिल लगाकर निकाली गई है। यदि मौके पर गौशाला निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो आसानी से धांधली का भंडाफोड़ हो सकता है।
ग्रामीणों ने बताया :
ग्रामीणों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018 से 2021 तक मुख्यमंत्री जनसम्बल योजना के तहत कई पात्र हितग्राहियों को मिलने वाली अंत्येष्टि सहायता राशि धोखाधड़ी करके निकाल ली गई है और हितग्राहियों के फर्जी हस्ताक्षर कर उनके भुगतान को संबल पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है। जिसकी शिकायत भी हितग्राही एक पखवाड़े पूर्व कलेक्टर से कर चुके हैं, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई। आवेदन में ग्राम पंचायत बहादुरपुर में किए गए तमाम निर्माण कार्यों, गौशाला निर्माण की जांच एवं उनका पुर्नमूल्यांकन करवाने और जनसम्बल योजना के तहत की गई शिकायतों की जांच करवाने की मांग की गई है।
जांच हुई तो खुलेंगे कई राज
मामला केवल बहादुरपुर ग्राम पंचायत तक ही सीमित नहीं हैं। ग्रामीण विकास विभाग और जनपद पंचायत से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अगर घोटाले और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जांच ठीक तरीके से हो जाए तो कई गहरे राज खुल सकते हैं। सामने आ सकता है कि ग्राम पंचायतों में किस तरह सरपंच-सचिवों द्वारा लोगों के हक का पैसा डकारा जा रहा है और पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा रहा है। इनमें प्रमुख रूप से पीएम आवास जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। जिनके पात्र हितग्राही अब भी लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं। लेकिन उन्हें या तो अपात्र बताया दिया जाता है या फिर किसी भी बहाने से काफी दिनों तक परेशान किया जाता है, ताकि हितग्राही खुद ही लाभ मिलने की आस छोड़ दे।
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