दमोह, मध्यप्रदेश। लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से बनगांव बिलाई हिंडोरिया बांदकपुर अभाना में सड़क का निर्माण किया जा रहा है। 45 किलोमीटर लंबी इस सड़क निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी उत्तराखंड द्वारा आज दिनांक तक किसी भी प्रकार के उत्खनन की अनुमति नहीं ली गई है लेकिन इसके बाद भी लगभग 70 प्रतिशत सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इतने अधिक कार्य होने के बाद भी इस सड़क निर्माण में जिस प्रकार से निर्माण एजेंसी द्वारा अवैध उत्खनन किया गया उस मामले में राजस्व एवं खनिज विभाग की भूमिका स्पष्ट रूप से संदिग्ध प्रतीत हो रही है।
जानकारी के बाद भी नहीं की कार्रवाई:
दमोह तहसील के हिंडोरिया मंडल के अधीन आने वाले इन ग्रामों में खुलेआम अवैध उत्खनन किया जा रहा है और इस बात की जानकारी संबंधित क्षेत्र के पटवारी से लेकर नायब तहसीलदार तक को है लेकिन अपने आप को ईमानदार बताने वाले नायब तहसीलदार द्वारा इस अवैध उत्खनन के संबंध में आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई ना किया जाना स्पष्ट रूप से यह प्रतीत होता है कि इस अवैध उत्खनन में उनकी पूर्ण सहमति के साथ साथ संरक्षण भी प्राप्त है। क्योंकि इस संबंध में पटवारियों द्वारा भी प्रतिवेदन एवं सूचना नायब तहसीलदार को दिए जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उसी प्रकार छोटे छोटे ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों में परिवहन करने वाले रेत या मिट्टी मुरम के मामले दर्ज कर मोटी रकम का अर्थदंड करने वाले खनिज विभाग के अधिकारी इस सड़क निर्माण के मामले में आखिर क्यों चुप रहे। हैरानी यह है कि लगातार डेढ़ वर्षों से हो रहे इस अवैध उत्खनन की जानकारी खनिज विभाग के अधिकारियों को होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही या प्रकरण खनिज विभाग द्वारा नहीं बनाया गया। संबंधित एजेंसी ने परिवहन के नाम पर अनुमति लेकर खनिज विभाग के अधिकारियों को लगातार ही इस मामले में अपना संरक्षण लेते हुए इस प्रकार से करोड़ों रुपए की राजस्व की क्षति पहुंचाते हुए अवैध उत्खनन का क्रम जारी है।
सरंक्षण में अवैध कार्य कर रही कंपनी:
राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारियों को संबंधित निर्माण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार पूर्णरूपेण सुविधा शुल्क के माध्यम से किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई ना किए जाने एवं उनका पूर्ण संरक्षण होने की बात कही जाती है और कहा तो यहां तक जाता है कि उन्हें इस अवैध उत्खनन के लिए अधिकारियों के साथ-साथ राजनीतिक दल का भी संरक्षण प्राप्त है। ऐसी स्थिति में जिले के उन छोटे छोटे मजदूर वर्ग के लोगों के लिए जिनके द्वारा कुछ ही मात्रा में मिट्टी आदि खोदकर ईट भट्टों या अन्य मूर्ति से संबंधित कारोबार किया जाता है तो उनके विरुद्ध तो तत्काल ही कार्रवाई कर दी जाती है, लेकिन इस भारी मात्रा में हुए अवैध उत्खनन और लगातार ही किए जा रहे उत्खनन के संबंध में विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई ना किया जाना अपने आप में संदिग्ध नजर आ रहा है।
जानकारी अनुसार गुजी, केवलारी, रियाना, हलगज के पटवारियों द्वारा भी इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन उनके अवगत कराने के बाद भी संबंधित नायब तहसीलदार द्वारा इस दिशा में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई और चर्चा तो यहां तक है कि बांदकपुर के पटवारी द्वारा नायब तहसीलदार के साथ इस संपूर्ण कारोबार को सुरक्षा प्रदान करते हुए गोरखधंधा संचालित कराया जा रहा है।
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