भोपाल, मध्यप्रदेश। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पर प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा द्वारा लगाए गए मानहानि के मामले में आज जिला अदालत ने जमानत पर मंजूरी दे दी है। इससे पहले दिग्विजय सिंह को बीते दिन कोर्ट में पेश होना था, पर कोर्ट के आदेश का पालन न करते हुए वो कल के बजाय आज सुबह पेश हुए थे, जिसमे कोर्ट ने पेशी में अपना फैसला सुना दिया।
दिग्गी को मिली जमानत की मंजूरी
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा द्वारा लगाए गए मानहानि के मामले में 11 जनवरी को दिग्विजय सिंह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे, उनके वकील ने कोर्ट में कहा था कि न्यायालय से उन्हें कोई आदेश नहीं मिला इस वजह से वो पेश नहीं हो पाए। तब कोर्ट ने 3 फरवरी की तारीख दी थी। इस मामले में भोपाल की जिला अदालत ने आज फैसला सुना दिया हैं और दिग्गी को जमानत की मंजूरी मिल गई हैं।
ये है पूरा मामला:
भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने मानहानि मामले में कोर्ट में बताया था कि दिग्विजय सिंह ने 4 जुलाई 2014 को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने उनके खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि वीडी शर्मा ABVP के महामंत्री रहे हैं। उनके द्वारा व्यापमं घोटाले (Vypam ghotala) में बिचौलिए का काम किया है। इसे आम लोगों के द्वारा पढ़ा गया है। जिससे उनकी छवि आम लोगों में धूमिल हुई है। जिससे व्यथित होकर उन्होंने कोर्ट के सामने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को धारा 500 के तहत दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज किया है।
बीजेपी और आरएसएस पर दिग्विजय के आरोप :
इससे पहले भी दिग्विजय सिंह ने भिंड में एक राजनीतिक कार्यक्रम में 31 अगस्त 2019 को पत्रकारों से बातचीत में बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया था। उनके इस बयान के खिलाफ ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि उनको 24 सितंबर 2022 को जमानत मिल गई।
मैंने अपनी जमानत करा ली है: दिग्गी
वहीं जमानत मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा- “मेरे खिलाफ 4 राज्यों में मानहानि के केस चल रहे हैं, क्योंकि इनके पास और कुछ तो है नहीं, इसलिए मैंने अपनी जमानत करा ली, ये सारी वो चिट्ठियां हैं जो मैने 2014-15 में इसके बाद में लिखी जिसके उपर अब केस रजिस्टर हुआ है और इस प्रकरण में तो जो हमारी मांग थी CBI इन्वेस्टीगेशन की लो स्वयं स्वीकार हुई है, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो कि आरोपी है, एक्यूज्ड हैं, लेकिन आज तक शिवराज सिंह सरकार ने उनको हटाया नहीं है, सरकारी मकानों में रह रहे हैं, यह सब मिलीभगत शिवराज सिंह चौहान और उनके दलालों की है जिन्होंने इस प्रदेश को लूटा है’
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