भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मध्यप्रदेश समेत 9 राज्यों में अलर्ट जारी किया है। आइसीएमआर ने अगले 8 सप्ताह यानी दो महीने सतर्क रहने की बात कही है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि अगले दो महीने लापरवाही बरती, तो तीसरी लहर आ सकती है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों को रहेगा। कोरोना की दूसरी लहर के बाद बाजार, स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। त्योहारों में बाजारों और मंदिर में लोगों की भीड़भाड़ बढऩे पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन मुश्किल हो सकता है। प्रदेश में अभी 10 से 12 कोरोना के मामले आने पर भी लोग लापरवाह दिख रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
थर्ड वेव आना न आना जनता पर निर्भर है :
भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का आना या नहीं आना, जनता पर निर्भर है। यदि सभी लोग वैक्सीन लगवा लें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है। एक-दो केस भी सक्रिय रहने पर तीसरी लहर आने की आशंका रहेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए अभी वैक्सीन नहीं आई है, इसलिए नॉन वैक्सीनेट और बच्चों को खतरा ज्यादा है।
तीसरी लहर के लिए तैयारी पूरी :
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी बंसत कुर्रे ने बताया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों में बेड बढ़ाने से लेकर ऑक्सीजन तक के इंतजाम किए गए हैं। तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार लगातार टेस्टिंग के साथ ही संक्रमितों को आइसोलेट कर उनके इलाज पर फोकस कर रही है। सरकार की तरफ से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को लेकर जागरूकता का भी काम कर रही है। कोरोना की तीसरी लहर को जनता के सहयोग से ही रोका जा सकता है।
24 घंटे में 14 नए केस मिले; अभी 123 एक्टिव केस :
प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना के 14 नए केस मिले हैं। इसमें 9 कोरोना संक्रमित इंदौर, 3 भोपाल और 2 पन्ना जिले से हैं। प्रदेश में अब तक 7 लाख 92 हजार 560 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 10 हजार 522 की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। अभी प्रदेश में 123 एक्टिव केस हैं।
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