ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना के कहर से ग्वालियर व्यापार मेला में वक्त से पहले ही सन्नाटा पसर गया। क लेक्टर के आदेश के मुताबिक मेला सचिव दुकानदारों से 28 मार्च तक खाली दुकानों का पजेशन तो नहीं ले सके, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मेला में भी शहर की भांति सन्नाटा रहा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या होली बाद दुकानदार फिर से मेला में व्यापार करने की हिम्मत दिखाएंगे, हालांकि इसकी उम्मीद बहुत ही कम हैं, क्योंकि मेला प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन पहले ही हिदायत दे चुका है कि 28 के बाद किसी को मेला में व्यापार करने की अनुमति नहीं होगी।
लॉकडाउन की वजह से जिन दुकानदारों ने अपना सामान समेट लिया वे सवारी वाहन नहीं चलने की वजह से रवाना नहीं हो सके। सोमवार को पड़वा होने की वजह से वाहन नहीं चलेंगे,ऐसे में मंगलवार को ही वे शहर से बाहर जा सकेंगे। उधर प्रशासन की छूट मिलने की वजह से मंगलवार को भी मेला से सामान समेटने का सिलसिला जारी रहा। अधिकांश दुकानदार बाहर से अपनी दुकानों का पर्दा डालकर भीतर पैकिंग में लगे रहे, हालांकि समय से पहले मेला से रुकसत होने की उदासी उनके चेहरे पर साफ पढ़ी जा सकती थी। कर्ज लेकर कमाने की चाह में मेला में दुकानदार लगाने वाले दुकानदारों को अभी शासन प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत नहीं मिली है। उधर मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया एवं अनिल पुनियानी ने दुकानदारों को किराया अगले मेला में सामायोजित करने की मांग को लेकर महाआर्यन सिंधिया से मुलाकात की। महाआर्यन ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे उनकी बात ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंचा देंगे।
इनका कहना है :
इस बार दुकानदारों को वक्त से पहले मेला बंद होने की वजह से बहुत घाटा हुआ है। कोरोना के डर की वजह से अपेक्षाकृत सैलानी नहीं पहुंचने से मेला इस बार बहुत कम सैलानी पहुंचे, जिससे व्यापार में बहुत घाटा हुआ है। हम जब तक किराया समायोजित नहीं करा लेंगे लड़ाई जारी रहेगी।महेंद्र भदकारिया, अध्यक्ष मेला व्यापारी संघ
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