भोपाल, मध्यप्रदेश। जब बैंकों के मुकाबले की बात आती है तो सहकारी बैंक हाईटेक सुविधाओं के मामले में बेहद पिछड़े नजर आते हैं, वहीं जब सहकारी साख संस्थाओं की बात आती है तो वे और भी पिछड़े नजर आते हैं, लेकिन अब प्रदेश की सहकारी संस्थाओं को आधुनिक तौर-तरीकों से कदम-ताल करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस कड़ी में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सहकारी संस्थाओं को माइक्रो एटीएम की स्थापना की जाएगी। माइक्रो एटीएम की स्थापना से सहकारी साख संस्थाओं के सदस्य यानी किसानों को पैसे के लिए कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा, उनकी जरुरत का पैसा उनको संस्थाओं के परिसर में ही आसानी ने बगैर कतार लगे ही मिल जाएगा।
सहकारिता विभाग ने जो तैयारी की है, उस हिसाब से प्रदेश की प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को माइक्रो एटीएम से लैस किया जाएगा। ये एटीएम राष्ट्रीय कृत बैंकों या फिर निजी बैंकों द्वारा स्थापित किए जाने वाले एटीएम की तरह भारी भरकम नहीं होंगे, बल्कि उनका छोटा प्रारूप होगा। इसमें राशि रखने की क्षमता भी कम होगी।
जिला सहकारी बैंकों की शाखाओं में भी लगेंगे माइक्रो एटीएम :
माइक्रो एटीएम प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं में तो स्थापित होंगे ही, इसके अलावा प्रदेश के सभी जिला सहकारी बैंकों और उनकी शाखाओं में भी माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे। इससे एटीएम की पहुंच प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में भी होगी। सामान्य तौर पर बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक या फिर निजी बैंक छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम लगाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। उनका फोकस बड़े शहर या फिर कस्बों पर अधिक होता है। दरअसल एटीएम परिचालन के खर्च से बचने के लिए वे ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम लगाने से गुरेज करते हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है, जब उन्हें नगदी की जरुरत पड़ती है तो फिर उन्हें पास के बैंकों की ओर रूख करना पड़ता है, जहां कि उनकी अकाउंट होता है। यहां बता दें कि प्रदेश में वर्तमान में 29 जिला सहकारी बैंक कार्यरत हैं।
पहले आईटी से जोड़े जाएंगे :
राज्य सरकार ने जो तैयारी की है, उस हिसाब से सहकारी संस्थाओं में माइक्रो एटीएम की स्थापना से पहले उन्हें आईटी से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी पैक्स को कम्प्यूटर सिस्टम से जोड़ा जाएगा। सहकारिता विभाग ने जो तैयारी की है, उस हिसाब से प्रदेश की सभी 4 हजार 534 प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को कम्प्यूटर से जोड़ा जाएगा।
तीन वर्ष में पूरा होगा काम :
सहकारी विभाग ने प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को आईटी से जोड़ने के लिए जो योजना तैयार की है, उस हिसाब से 4500 से अधिक पैक्स को अगले तीन वर्षों में हाईटेक बना दिया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग दो सौ करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना जताई जा रही है। प्रतिवर्ष 1500 से अधिक पैक्स को कम्प्यूटर से लैस किया जाएगा।
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