हाइलाइट्स :
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को राम मंदिर पर घेरा।
भाजपा प्रवक्ता ने लगाए कांग्रेस पर साम्प्रदायिकता फैलाने के आरोप।
राजधानी भोपाल में आयोजित हुई पत्रकार वार्ता।
भोपाल, मध्यप्रदेश। एक पुराना रोग कांग्रेस के मन में है वो उभर-उभर कर सामने आ रहा है। कांग्रेस को राम से आपत्ति है या मंदिर से आपत्ति है। यदि राम से आपत्ति है तो महात्मा गांधी की समाधी पर राम लिखा है। क्या कांग्रेस महात्मा गांधी को सांप्रदायिक कहेगी। यदि मंदिर से आपत्ति है तो सबसे ज्यादा मंदिर चुनाव के समय कांग्रेस के नेता जाते हैं। जब राम से आपत्ति नहीं, मंदिर से आपत्ति नहीं तो राम मंदिर से क्यों आपत्ति है। इन सभी विषयों पर कांग्रेस अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यह बात राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राजधानी भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। सुधांशु त्रिवेदी राम मंदिर के विषय पर कांग्रेस को घेरा और कई सवाल किए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, अगली दीपावली में श्री राम भव्यता और दिव्यता से आयोध्या में विरजमान होंगे। जिन लोगों ने जमीन आसमान एक करदिया कि, मंदिर का निर्माण न होने पाए। उनके दिलों में होली जल रही होगी जिसकी आंच ठंडी नहीं हुई है। इसलिए उनके प्रदेश अध्यक्ष कोर्ट की अवमानना करते हैं। कोर्ट में विवादित ढाँचे शब्द का प्रयोग हुआ है। यदि कोई कहे की बाबरी मस्जिद शहीद की गई इसका मतलब है कि, ये न्यायालय की भी अवमानना है। मैं संक्षेप में याद दिलाना चाहता हूँ। जब आयोध्या में श्री राम का प्राकट्य हुआ तो मुख्यमंत्री गए थे फैज़ाबाद रोकने के लिए। उस समय के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री को वहां जाने से रोका था। 1961 तक मुस्लिम वर्ग इसका पक्षकार नहीं था। दिसम्बर 1961 में उन्हें पक्षकार बनाया गया। खुदाई करने पर स्टे लगा दिया गया। 2003 में खुदाई हुई तो सब साफ हो गया। इसके बाद इन्ही के नेता वकील का चोला पहनकर बाबरी मस्जिद के लिए खड़े हो गए। इन्ही के नेता पीवी नरसिंहमा राव जी ने 1992 को कहा हम बाबरी मस्जिद दोबारा तामील करेंगे। ये कहकर वे इस्लाम का भी अपमान कर रहे थे। हम तो बस मंदिर निर्मण का मार्ग प्रशस्त कर कर रहे थे। राम मंदिर का निर्माण साधु-संतों द्वारा किया जा रहा है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, याद कीजिए साल 1990 में कार सेवक जब जा रहे थे तब ग्वालियर से झांसी रोड पर...झांसी में कोई जा न पाए इसके लिए अस्थाई दीवार बना दी गई थी। मुलायम सिंह की सरकार कांग्रेस के समर्थन में चल रही थी। उत्तरप्रदेश में समझ आता था लेकिन मध्यप्रदेश, राजस्थान की सरकार क्यों बर्खास्त की गई। कमलनाथ उस समय मुख्यमंत्री थे। यह मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में गया। वकीलों का चोला पहने इनके नेता कहते रहे 2019 से पहले जजमेंट न आये नहीं तो राजनीतिक लाभ मिलेगा। कांग्रेस नेता हमसे पूछते थे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएँगे। लीजिये तारीख आ गई। भारत 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट करने वाला नंबर वन देश बन गया है। हमारा रिसेंट इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट अमेरिका से भी ज्यादा है। चाँद के दक्षिण ध्रुव तक जाने वाला पहला देश बन गया है। अनुसूचित जाति की महिला देश की राष्ट्रपति बन गई हैं। जी-20 देशों में भारत फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी बन गया है। यह सभी कालचक्र का परिणाम है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, इतना बड़ा परिवर्तन आया 400 सीट वाली पार्टी 2 बार 50 का आंकड़ा पाने को तरस गई और 2 सीटों वाली पार्टी ने 2 बार में एक बार 200 का और दूसरी बार 250 का आंकड़ा पार किया। आज उतनी भी मैं नहीं है मैखाने में जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में। ये स्थिति है कांग्रेस की। ये विषय सिर्फ राम मंदिर का नहीं है। ये एक सोच है। कांग्रेस के पास विकास के मुद्दे पर बात करने के लिए कुछ है ही नहीं। पिछले चुनाव में कमलनाथ जी का एक वीडियो आपको याद होगा कि, हमें 100 प्रतिशत वोट चाहिए। साम्प्रदायिकता से ये किसी भी तरह वोट पाना चाहते हैं और सत्ता में आना चाहते हैं।
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