भोपाल। मप्र सरकार अब शासकीय सेवकों के भ्रष्टाचार को लेकर पूरी तरह सख्ती के मूड में आ गई है। प्रदेश में ईमानदार सरकार देने की कोशिश और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी अधिकारियों- कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन मंजूर करने के मामलों को तेज कर दिया है। प्रदेश में बीते 15 मार्च से अब तक 75 प्रकरणों में 119 अधिकारी- कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन को हरी झंडी दे दी गई है। इसी के साथ अब इन भ्रष्ट शासकीय सेवकों के मामले कोर्ट में चलाने का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों की विभागवार समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। जहां प्रक्रिया पूर्ण हो गई है दोषियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई के लिए 15 जून तक अल्टीमेटम भी दे दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस पर कायम है। भ्रष्ट आचारण को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य प्रकरणों में भी शीघ्र कार्यवाही के आसार बन गए हैं।
15 जून के बाद स्वयं कार्यवाही की जानकारी लेंगे सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं 15 जून के बाद विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि विभाग किसी प्रकरण में कार्यवाही में विलम्ब करता है तो सबंधित अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।
पंचायत विभाग में सबसे अधिक 23 मामलों में अभियोजन मंजूर
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सर्वाधिक 23 प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा राजस्व में 12, नगरीय विकास एवं आवास में 9, स्वास्थ्य में 8, गृह और कृषि विभाग में 6-6 और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 4 प्रकरणों में मंजूरी दी गई है।
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