हाइलाइट्स :
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 62वां जन्मदिन
सीहोर जिले में जन्म CM शिवराज की प्रदेश के सबसे लोकप्रिय
MP में निरंतर बढ़ रही मामा की लोकप्रियता
प्रदेश की जनता के बीच मामा की अमिट छाप
शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदला
Shivraj Singh Chouhan Birthday Special: राजनीति में कुछ ही ऐसी शख्सियत होती हैं, जिन्हें हर कोई पसंद करता है, उनमें से एक मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ नेता भी हैं, जिन्हें पूरा प्रदेश मामा के नाम से जानता है या कहे बुलाता है, जिनका नाम है शिवराज सिहं चौहान, जो वर्तमान में इस प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता शिवराज सिंह चौहान MP में CM के रूप में एक अलग पहचान स्थापित करने में सफल रहे हैं, उन्होंने इस पद की गरिमा को बढ़ाया है। उनके द्वारा किए गए या कहे किए जा रहे अच्छे कार्य और जिस तरह उन्होंने अपनी छवी बना रखी है, उसकी जितनी वाहवाही की जाए कम ही है।
सबसे ज्यादा समय तक संभाली सत्ता की बागडोर :
5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के नर्मदा किनारे स्थित एक छोटे से गांव जैत में मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज 5 मार्च, 2021 में अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। किसान के बेटे व हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (मामा) आज की राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं, जिसकी चिंता न की हो और सबसे अधिक कोशिश तो उन्होंने किसानों का जीवन संवारने के लिए की है। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता की बागडोर संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान के बारे में लिखने और कहने को बहुत कुछ है, लेकिन आज 5 मार्च को उनके इस खास दिन पर हम कुछ ऐसी बातों पर नजर डालते हैं, जो बेहद ही खास है।
कोरोना आपदा को अवसर में बदला :
बीते वर्ष 2020 से पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली महामारी कोरोना वायरस के संकटकाल के दौरान सही समय पर सही फैसला लेने से हमारे देश में वह स्थिति उत्पन्न नहीं हुई, जो दुनिया के देशों की रही थी और कोरोना के इस तरह के आतंक के समय नेतृत्व की परीक्षा होती है, क्योंकि जल्द ही इस महामारी को रोकथाम के बारे में सोच कर जल्दी फैसला लेने से बहुत से राजनेता ऐसी दुर्लभ समस्या की कल्पना मात्र से ही घबरा जाते हैं, परंतु भारत की मोदी सरकार ने बड़ा ही साहस दिखाते हुए इस महामारी के दौर में महत्वपूर्ण निर्णय लिए और इसी अनुसरण में आकर प्रदेश के लिए CM शिवराज सिंह चौहान ने भी कोरोना की आपदा को अवसर में बदल डाला।
दुनियाभर में फैली महामारी के संकट के दौर में इसे नियंत्रण में लाने, वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों के इलाज और इस वायरस के उपयोगी उपायों पर अमल करना बहुत मायने रखता है, लेकिन ऐसे समय में शिवराज सिंह चौहान ने खुद न घबराते हुए जुनून के साथ कोरोना संकट को समाधान में बदलने का कोशिश की। इस दौरान अनेक वर्गों के लिए सरकार का खजाना खोल कई तरह की राहत दी गईं।
कोरोना वायरस की महामारी के दौर में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने जनता को बीमारी से बचाने और बीमारी से लड़ने के लिये करीब 30 करोड़ रुपये से अधिक का आयुर्वेदिक 'त्रिकुट काढ़ा' लोगों को बांटा।
- कोरोना काल में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने 300 घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महामारी में इंतजाम की समीक्षा की।
- कोरोना के दौर में CM ने अधिकारियों संग बैठक करने से लेकर जनता से सजग, जागरूक रहने और नियमों का पालन करने की अपील की।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संवाद का सशक्त माध्यम बनाया और सीधे सरकार और जनता को जोड़े रखा।
- इस दौरान वे भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, कोरोना संक्रमण से प्रभावित CM शिवराज ने इस दौरान भी अपने कार्य पर फोकस किया। वे अस्पताल से ही भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कोरोना संक्रमण के स्थिति की समीक्षा करते रहे।
जी जान से खेली हर पारी-
खास बात तो ये है कि, शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि एक विधायक और सांसद यानी की हर कार्यकाल में अपनी अमिट छाप छोड़ी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर पारी जी जान से खेली और विकास के नये आयाम छुए। CM शिवराज सिंह ने सम्मान और सुरक्षा के लिए बहन-बेटियों के लिए किया कार्य सचमुच मामा बनकर ही किया, फिर चाहे वो बेटियों को शिक्षित का हो या फिर उनके विवाह का।
वे अभावग्रस्त परिवारों की सहायता, बच्चों के शिक्षा के प्रबंध, बुर्जुगों की देखभाल, गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह के साथ ही सभी वर्गों की चिंता कर उनके लिए रात-दिन जी जान से जुटे और आज भी जुटे ही हुए है एवं अपनी लोकप्रियता को निरंतर बढ़ाते आ रहे हैं।
चुनाव में जीती सरकार भी प्रदेश में नहीं टिकी :
शिवराज सिंह चौहान ने शायद अपने जीवन में कभी ऐसा कार्य नहीं किया कि, लोग उनसे घृणा करें, इसलिए प्रदेश में उनकी छवि कुछ तरह बनी की चुनाव में जीती सरकार भी प्रदेश में नहीं टिकी। जी हां, वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री का पद शिवराज सिंह को नहीं मिला था और इस पद की कमान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के हाथ में चली गई। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, लेकिन सपा, बसपा, सपा और निर्दलियों को साथ मिलने पर कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। इस दौरान कमलनाथ सरकार ज्यादा दिन तक प्रदेश की सत्ता पर राज नहीं कर सकी, क्योंकि उनकी सरकार को 15 महीने भी नहीं हुए और MP में CM पद का पासा पलट गया। नौबत ऐसी आ गई व सियासत की ऐसी बिसात बिछी की कमलनाथ सरकार गिरी और मध्य प्रदेश की सत्ता में दोबारा से शिवराज सरकार की वापसी हो गई। इस प्रेदश के मुखिया की कमान फिर शिवराज के हाथ आ गई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और चौथी बार इस शीर्ष पद को संभाल कर उन्होंने इतिहास रचा।
अब तक ऐसा रहा CM शिवराज का राजनीतिक सफर :
CMशिवराज सिंह के राजनीतिक सफर पर अगर नजर डालें तो उसकी सफलता के ग्राफ हमेशा ही ऊपर उठता आया है। उन्होंने छात्र जीवन में ही इस कदर सियासत में कदम रखा की आज 62 साल के होने के बाद भी सत्ता की बागडोर संभाले हुए है। जानें उनके जीवन से जुड़े खास पहलू-
शिवराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं।
1972 में जब वे 13 साल के थे तब आरएसएस में शामिल हुए और तभी से आज तक अलग-अलग स्वरूपों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।
1975 में वे मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल की स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे
1977-1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने।
1978 से 80 के बीच शिवराज सिंह मध्यप्रदेश में एबीवीपी के संयुक्त मंत्री रहे।
1980 से 82 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव रहे।
1982-1983 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य चुने गए।
1984-1985 में उन्हें MP में भारतीय जनता युवा मोर्चा का संयुक्त सचिव बने।
1985 में महासचिव बने एवं इस पद पर वे 1988 तक बने रहे।
1988 से 91 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने।
MP की विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह 5 बार सांसद रह चुके हैं-
पहली बार 1991 में शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर सांसद बने।
1996 में 11वें लोकसभा चुनाव के दौरान विदिशा से हही चुनाव लड़कर बाजी मारी और दूसरे बार फिर सांसद बने।
1998 में जब 12वीं लोकसभा का चुनाव हुआ, इस दौरान भी वे विदिशा से ही तीसरी बार सांसद चुने गए।
1999 में 13वें लोकसभा चुनाव में भी वे चौथी बार सांसद बने।
वर्ष 2004 में जब 14वें लोकसभा चुनाव हुए तो इस दौरान वे 5वीं बार सांसद चुने गए।
इसके बाद वह 2005 से 2018 तक 3 बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे। पिछले चुनाव में बीजेपी बहुमत से दूर रह गई, इस कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था, लेकिन अल्पमत में आने के बाद कमलनाथ ने इस्तीफा दिया और शिवराज चौथी बार MP के मुख्यमंत्री बने।
शिवराज के बजट पिटारेे से निकली बड़ी-बड़ी घोषणाएं :
इस साल 2021 में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा अपने चौथे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक पेपरलेस बजट भी पेश हुआ, जो 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ रुपए का रहा। इसमें प्रदेश के लोगों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। आत्मनिर्भर MP बजट 2021 में प्रदेश के चिट्ठे में क्या खास निकला, इसकी अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कर जान सकते हैं।
वृक्ष धरती मां का श्रृंगार जन्मदिन है-
जन्मदिन का दिन आने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ट्विटर के माध्यम से बताया था - 5 मार्च को मेरा जन्म-दिन फूलों के हार, स्वागत द्वार आदि के माध्यम से न मनाए जाते हुए, पेड़ लगाकर मनाएं। मैं स्वयं अपने निवास, स्मार्ट सिटी पार्क, वल्लभ भवन, विधानसभा आदि स्थानों पर पौधे लगाऊँगा। स्मार्ट सिटी पार्क में वृक्षारोपण में मेरे साथ मीडिया के मित्र भी रहेंगे।
वृक्ष धरती मां का श्रृंगार है और धरती माता के प्रति हमारे कर्तव्य हैं। मेरे और अपने जन्मदिन के अलावा परिवार में कोई भी शुभ अवसर हो, तो पौधारोपण जरूर करें। ये जन्मदिन आडंबर से नहीं, उपयोगी कार्य करने से ही सार्थक होंगे। आपसे आग्रह है कि पौधे अवश्य लगायें।MP के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान के भाषण की एक अहम लाइन-
उन्होंने इस लाइन को अपने आचरण और काम में शामिल किया है। CM की अपनी चौथी पारी में शिवराज सिंह प्रतिदिन कितने घंट काम करते हैं और सेहत का क्या राज है, इसकी जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें।
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