भोपाल, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भोपाल में विज्ञान सम्मेलन व प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश :
विज्ञान सम्मेलन व प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा- आत्मनिर्भर भारत का मंत्र जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया है, उससे प्रेरणा लेते हुए हमने तय किया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश विज्ञान सम्मेलन आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाने में निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा। भारत ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के क्षेत्र में सदैव आगे रहा है। हमारे देश का ज्ञान यहां से ले जाकर दूसरे देशों ने कई तरह के आविष्कार किए हैं।
हर क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। भारत में प्रकृति पूजा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। नदियां अगर शुद्ध रहेंगी, उनमें जल बहता रहेगा तो वह जीवन देती रहेंगी, यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। नदी पर्वत, पहाड़, पेड़ हमने सबकी पूजा की।मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान
मैं जब व्यापक रूप से देखता हूं तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता विकास की दिशा में है। मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति भी आवश्यक है, लेकिन संतुलन बनाकर, क्योंकि भगवान ने यह धरती मनुष्यों के साथ जीव-जंतुओं, कीट-पतंगों सभी के लिए बनाई है।
रोजगार के अवसर सृजित करना है। उसमें अगर विज्ञान का सहयोग मिले तो हमारे यहां हर तरह की संपदा उपलब्ध है। हम देश और दुनिया की कई जरूरतें पूरी कर सकते हैं। आज के सम्मलेन को मैं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए बहुत ही विश्वास की नजरों से देख रहा हूं।
इस सम्मलेन से जो निष्कर्ष निकलेंगे, उन्हें लागू करने के लिए विज्ञान भारती की टीम के साथ हमारी टीम मिलकर काम करेगी। हम मध्यप्रदेश में वैज्ञानिकों की भी एक टीम बनाएंगे, जो लगातार हमें परामर्श देगी, ताकि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश निरंतर प्रगति करता चला जाए।
मध्यप्रदेश सोयाबीन, चना, मसूर, अरहर और उड़द के उत्पादन में देश में प्रथम और उड़द और रामतिल के उत्पादन में देश में द्वितीय स्थान पर है।
मध्यप्रदेश सरकार ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के नित नए प्रयास कर रही है। हमारे इन्हीं प्रयासों और किसान भाइयों की मेहनत का सुफल है कि आज ऑर्गेनिक खेती के मामले में पूरे देश में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से ज्यादा है।
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