मध्यप्रदेश। राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री की विशेष उपस्थिति में आयोजित "मानगढ़ धाम की गौरव गाथा" कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। "मानगढ़ धाम की गौरव गाथा" कार्यक्रम में CM शिवराज ने कहा कि, इस माटी से तिलक करो यह मिट्टी है बलिदान की। जितने भी लोग मध्यप्रदेश से आए हैं उनसे प्रार्थना है कि जब यहाँ से जाएं तो इस पवित्र मानगढ़ धाम की माटी से तिलक करें और अपने ग्रामवासियों का भी तिलक करें।
मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) में आयोजित 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' कार्यक्रम :
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि, हमारे देश को आजादी अंग्रेजों ने चांदी की तस्करी में रखकर नहीं दी थी। हजारों क्रांतिकारी हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़े थे। कइयों ने अपने खून से मानगढ़ व भारत की भूमि को रंगा था, तब जाकर देश ने यह आजादी पाई थी। स्वतंत्रता के बाद स्वतंत्रता का सही इतिहास नहीं पढ़ाया गया जिसके कई बलिदानी ऐसे थे जिनका बलिदान जनता के सामने नहीं आ पाया।
जनजाति भाई-बहन स्वाभिमान के साथ देश के लिए जिए। वह सच्चे राष्ट्रभक्त हैं। उनके लिए सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं हैं।CM शिवराज
मानगढ़ बलिदान की भूमि है: CM
सीएम शिवराज बोले- मानगढ़ बलिदान की भूमि है। मैं प्रधानमंत्री को प्रणाम करना चाहता हूँ कि उन्होंने आजादी के ऐसे क्रांतिकारी जिनका नाम सामने नहीं आ पाया, उनके बलिदान स्थल पर स्मारक बनाने का फैसला किया। "पूजे न शहीद गए तो फिर, यह पंथ कौन अपनाएगा। तोपों के मुंह से कौन अकड़ अपनी छातियां अड़ाएगा। चूमेगा फन्दे कौन, गोलियां कौन वक्ष पर खाएगा, पूजे न शहीद गए तो फिर आजादी कौन बचाएगा। धरती को मां कह कर, मिट्टी माथे से कौन लगाएगा" बलिदानियों को पूजने की परंपरा को प्रधानमंत्री ने पुनः प्रारंभ किया है। आज मानगढ़ की अमरभूमि पर जिन 1500 से अधिक भील भाइयों व बहनों ने बलिदान दिया, उनकी आत्मा अवश्य प्रसन्न हो रही होगी।
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