भोपाल, मध्यप्रदेश। आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विद्या भारती द्वारा 'सुघोष दर्शन' कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस 'सुघोष दर्शन' कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'सुघोष दर्शन' कार्यक्रम में शामिल होकर कई बातें की है आइये जाने...
सुघोष दर्शन' कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने की सहभागिता
भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित 'सुघोष दर्शन' कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने सहभागिता की। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि, रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद अमूल्य ग्रंथ हैं। इनमें मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है। इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को संपूर्ण व नैतिक बनायेंगे।
सीएम ने आज नेताजी को सुघोष दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से अर्पित की श्रद्धांजलि
सीएम शिवराज ने आज नेताजी Subhash Chandra Bose को सुघोष दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा- नेताजी ने विदेश में भी आजाद हिंद फौज बनाई और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने कर्त्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित कर इस ऋण को उतारने का प्रयास किया। सीएम ने ट्वीट कर लिखा- आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती है। हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजों ने हमें यह आजादी तश्तरी में रखकर भेंट नहीं की थी। हजारों क्रांतिकारियों ने अपने रक्त की अंतिम बूंद तक अर्पित की थी।
कर्णप्रिय सुघोष देशभक्ति के भाव भर रहा था। सुघोष रचना, सुदर्शन, स्वास्तिक तथा ॐ की अद्भुत रचना देख मन अद्भुत आनंद और प्रसन्नता से भर गया।मुख्यमंत्री शिवराज
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि, शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं-ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना है। मैं प्रसन्नता के साथ यह कह रहा हूं कि विद्या भारती अपने प्रारंभिक काल से ही इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करने का कार्य कर रही है। साथ ही सीएम बोले- नई शिक्षा नीति में यह तय किया गया है कि मातृभाषा में शिक्षा दी जायेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर हमने तय किया है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में करवाई जायेगी।
कुछ लोग देश में ऐसे भी हैं, जिन्हें हमारी संस्कृति, अध्यात्म, धर्म और महापुरुषों की आलोचना करने में ही आनंद आता है, ऐसे लोग यह नहीं जानते कि देश का वे कितना नुकसान कर रहे हैं। क्या भगवान राम के बिना यह देश जाना जा सकता है।
हमारे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण, उपनिषद हों, ये हमारे अमूल्य ग्रंथ हैं, इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है। इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण भी बनायेंगे, नैतिक भी बनायेंगे।
बाबा श्री तुलसीदास जी ने महान ग्रंथ लिखा है श्रीरामचरितमानस, मैं उनको प्रणाम करता हूं। ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं वह सहन नहीं किए जाएंगे। मध्यप्रदेश में हमारे बच्चों को इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर नैतिक एवं पूर्ण बनाएंगे।
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