मध्यप्रदेश।प्रदेश की पहली मैकेनाइज्ड किचन का सीएम ने आज लोकार्पण किया है। इस किचन में सरकारी स्कूल के बच्चो का मिड-डे-मील तैयार किया जायेगा। खाने की क्वालिटी को लेकर बच्चे शिकायत करते हैं, स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन इन समस्याओं से परेशान रहता है। इसको लेकर राजधानी भोपाल में अच्छी पहल शुरू की गई हैं। इस हाईटेक किचन से लगभग 900 स्कूलों के बच्चों के दोपहर का खाना तैयार किया जायेगा।
लगभग 900 स्कूलों का होगा मिड-डे-मील तैयार :
अक्षयपात्र फाउंडेशन की किचन में पूरा खाना हाईजीनिक तरीके से बनाया जाएगा। इस किचन में सब्जियां छीलने काटने से लेकर आटा गूंथने और रोटियां सेंकने तक का पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए होगा। इस किचन में लगी मशीन एक घंटे में 20 हजार रोटियां बना सकती है। एक बार में 12 हजार लीटर दाल, 125 किलो चावल पक सकेंगे। इस किचन में करीब डेढ़ सौ कर्मचारी प्रतिदिन काम करेंगे।
इस हाइटेक किचन में लगभग 900 स्कूलों के पचास हजार विद्यार्थियों का डेली मिड-डे-मील तैयार होगा। बता दें संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) से लेकर मंडीदीप तक भोपाल जिले की 40 किलोमीटर की सीमा में करीब 900 सरकारी स्कूलों के 48 हजार बच्चों को रोजाना पका हुआ गर्म खाना उपलब्ध कराया जाएगा
एमपी की पहली मैकेनाइज्ड किचन :
अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 65 रसोइयां तैयार हो चुकी है। भोपाल में यह 66 वीं रसोई तैयार की गई है। इस रसोई को तैयार करने में लगभग 12 करोड रुपए की लगत लगी हैं। अक्षयपात्र फाउंडेशन के अफसरों ने बताया कि यह रसोई दो साल पहले बनकर तैयार हो गई थी लेकिन कोरोना के संकट के कारण स्कूलों के बंद होने के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। सरकार की ओर से प्रति छात्र मिलने वाले 7 रुपए के अलावा भोजन की लागत का पैसा एचईजी अक्षयपात्र फाउंडेशन को तीन साल तक मुहैया कराएगा। भोपाल के शाहपुरा थाने के पीछे करीब एक एकड़ जमीन में यह रसोई बनाई गई है।
सीएम ने किया लोकार्पण :
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज देश की देश की 66वीं रसोई और एमपी की पहली मैकेनाइज्ड किचन शुभारम्भ वीसी(VC) के जरिये किया। सीएम ने इसके बारे में बताते हुए कहा- प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक शालाओं के बच्चों के ताजा व स्वास्थ्यवर्धक भोजन के लिए सरकार ने अक्षय पात्र के साथ अनुबंध किया।
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