भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है, आज सदन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan ) विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब पेश कर रहे हैं। चौथे दिन सदन में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा। यहां देखें...
ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है: CM
बता दें, भाजपा सरकार के चौथे कार्यकाल में दूसरी बार विपक्षी दल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, लेकिन बुधवार को नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह को कमल नाथ का साथ नहीं मिला। ऐसे में आज मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि, ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, कांग्रेस की सरकार में कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में भी पैसे लिए गए थे। ट्रांसफर-पोस्टिंग को धंधा बना दिया गया था। मंत्रालय दलालों का अड्डा बन गया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि, 11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखे और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी, रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा। कांग्रेस तो दो-चार घंटे का धरना देती है, हम तो 48-48 घंटे के लिए बैठते थे। मैं यह संकल्प व्यक्त करना चाहता हूं कि चाहे जिस स्थिति में रहें, मध्यप्रदेश की जनता हमारे रोम-रोम में रमी है। हमारी हर सांस में बसी है। उनकी सेवा के लिए हमारी यह जिंदगी है।
कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विधायकों, नेताओं से बदले की भावना से नियम विरुद्ध जाकर कार्रवाई करने की कोशिश की। संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रचा, कई दुकानें तोड़ी गई।मुख्यमंत्री शिवराज
हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, उनकी अवैध संपत्तियों को तोड़ा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था।
जब तक कांग्रेस की सरकार थी बैगा, सहरिया, भारिया सहित अन्य जनजातीय समुदाय के पात्र हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी। कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय के साथ भी धोखा किया।
गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई संबल योजना से लाखों गरीबों के नाम कांग्रेस की सरकार ने काट दिए। हमने बच्चों को लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी, कांग्रेस सरकार ने लैपटॉप बांटना भी बंद कर दिया था।
सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी।
हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन योजना शुरुआत की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू ही नहीं की।
प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों के लिए आवास योजना शुरू की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मकानों के प्रस्ताव भी लौटा दिए और राज्य के अंश की राशि भी कम कर दी, जिससे लाखों गरीब परिवारों के मकान का सपना टूटा।
यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया।
कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं। दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया।
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