MP में सियासी किडनैपिंग ड्रामा Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

विधायक घोटाला: गुरुग्राम-MP में सियासी किडनैपिंग ड्रामा,नेता भिड़े

भोपाल, मध्यप्रदेश: राजनीति में हॉर्स ट्रेडिंग मसले में राजनीतिक बवाल चरम पर है इसके चलते विधायकों को साजिश के तहत खरीद-फरोख्त और अपहरण करने का मामला आया चर्चा में...

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजऩीति में जहां बीते दिन से सामने आ रहे हॉर्स ट्रेडिंग के मसले पर आए दिन कांग्रेस सरकार और बीजेपी के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं अब इस मसले ने अलग ही मोड़ ले लिया है जिसमें जहां बीती रात बड़ी सियासी खींचतान सामने आई है। उधर हरियाणा के गुरूग्राम क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ गए। मामले पर कांग्रेस ने जहां भाजपा पर साजिश के तहत विधायकों को खरीदने और बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया वहीं कैबिनेट के मंत्रियों को गुरुग्राम भेजा। जहां विधायकों में बसपा विधायक रामबाई भी शामिल हैं।

क्या है मामला

बता दें कि, बीती रात बड़ी सियासी खींचतान सामने आई है, जिसमें दिल्ली के नजदीक स्थित मेवात-गुरुग्राम रोड पर तावड़ू स्थित आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में भाजपा व कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ गए। जहां भाजपा के कुछ पूर्व मंत्री कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक के साथ होटल मराठा में ठहरे हुए थे। देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो कांग्रेस और अन्य विधायकों को होटल मराठा से होटल आईटीसी ग्रांड मानेसर में शिफ्ट कर दिया गया।

इसकी सूचना जैसे ही मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी, तो उन्होंने अपने चार मंत्रियों को दिल्ली भेजा और विधायकों को भाजपा के कब्जे से छुड़ाने का प्रयास किया, परंतु सूत्रों का कहना है कि, कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने जब विधायकों को छुड़ाने की कोशिश की तो भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने हरियाणा पुलिस बुला ली। इस दौरान मध्य प्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी की हरियाणा के पुलिस अधिकारियों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। पटवारी ने सवाल किया कि, बिना महिला पुलिस के आप एक महिला विधायक को हाथ कैसे लगा सकते हैं। इस बीच मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पहुंच गए। मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। विवाद के बाद बसपा विधायक राम बाई कांग्रेसी मंत्रियों के साथ रवाना हो गईं। यह सियासी ड्रामा देर रात तक चलता रहा।

पटवारी ने कहा

मामले में मीडिया के सामने मंत्री पटवारी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए बताया कि, भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। मोदी जी एक अलग तरह की रूपए की राजनीति की बात करते हैं, हमारे विधायकों को 50-60 करोड़ रुपये की पेशकश की जा रही है, जिसमें हमारे कुछ विधायक साथ हैं तो कुछ बेंगलुरू में हैं, लेकिन वे हमारे साथ हैं। मामला फिलहाल नियंत्रण में है जिस पर प्रेस कांफ्रेन्स में चर्चा की जाएगी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की पुष्टि की

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, 'हालात नियंत्रण में हैं। ऐसा कुछ नहीं है, विधायक वापस लौट आएंगे। 'साथ ही बताया गया कि, जिन आठ विधायकों को हरियाणा ले जाया गया है, उनमें से चार कांग्रेस के हैं, एक निर्दलीय है, जबकि बाकी सभी बसपा और सपा के हैं।

मामले पर बोले मंत्री पीसी शर्मा :

पत्रकारों से वार्ता के दौरान मंत्री शर्मा ने गुरूग्राम में हुए सियासी ड्रामे पर बयान देते हुए कहा कि, 15 साल में बीजेपी में जो भ्रष्टाचार हुआ है जिसमें लोकायुक्त और EOW ने कार्रवाई करते हुए जांच के दौरान कई खुलासे सामने लाए। इन्हीं जांच के चलते जेल जाने से बचने के लिए विपक्ष ने साजिश के तहत 25-35 करोड़ में सपा, बसपा और कुछ कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार गिर जाए। लेकिन इन सब का भंडाफोड़ हो गया है, जिन विधायकों को किडनैप किया गया था वह निकल आए हैं और बाकी बचे विधायक भी निकल आएंगें।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गी ने कहा

इस मामले में पत्रकारों से वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, भाजपा के रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, संजय पाठक नेताओं द्वारा विधायकों को पैसा दिया जा रहा था। अगर कोई छापा पड़ा होता, तो वे पकड़े गए होते हमें लगता है कि 10-11 विधायक थे, केवल 4 अब भी उनके साथ हैं, वे भी हमारे पास आएंगे।

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