मध्यप्रदेश। इन दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई कार्यक्रम में शामिल हो रहे है। इसी क्रम में अब सीएम शिवराज कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन शासन प्रभावना ट्रस्ट इन्दौर द्वारा आयोजित श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए है, यहां सीएम ने श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सहभागिता कर उद्बोधन दिया।
धर्म तीर्थ के प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर बालक ऋषभदेव जी को प्रणाम करता हूँ: CM
इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि, धर्म तीर्थ के प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर बालक ऋषभदेव जी को प्रणाम करता हूँ। उनके जन्म महोत्सव पर पंचकल्याणक में 1008 कलशों से जन्माभिषेक का दृश्य अलौकिक था। उनका जीवन हमको सदमार्ग पर चलने तथा मानव सेवा के लिए निरंतर कार्य करने की प्रेरणा देता है, जो दूसरों को जीत ले, उसे वीर और जो अपने आपको जीत ले, उसे महावीर कहते हैं। जो महावीर है, वह जितेंद्र है। जो जितेंद्र है, वही जिन और जो जिन है, वही जैन है। जैन होने के लिए स्वयं को जीतना पड़ता है।
'अहिंसा परमो धर्म:'
मुख्यमंत्री ने कहा कि, दुनिया मानती है कि दूसरे को शरीर से कष्ट पहुंचाना या मारना ही हिंसा है, लेकिन जैन धर्म कहता है कि मन और वचन से कष्ट पहुंचाना भी हिंसा है। मन और वचन से भी किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिये। रूस और यूक्रेन लड़ रहे हैं, दुनिया में तनाव है, अगर ये जैन हो जायें, तो सारे झगड़े ही समाप्त हो जायें, इसलिए जैन धर्म का संदेश, अहिंसा और अपरिग्रह आज भी प्रासंगिक है।
बता दें, कल ही भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित 'सुघोष दर्शन' कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सहभागिता की थी, इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा था कि, रामायण, महाभारत,वेद,उपनिषद अमूल्य ग्रंथ हैं। इनमें मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है। इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को संपूर्ण व नैतिक बनायेंगे।
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